कौन थे महादेव के पहले शिष्‍य, कैसे हुई देवाधि देव की उत्‍पत्ति

By Tatkaal Khabar / 21-07-2023 02:51:01 am | 10616 Views | 0 Comments
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भगवान शिव को सनातन संस्‍कृति देवों के देव महादेव कहा जाता है. इसके अलावा हिंदू धर्म को मानने वाले उन्‍हें भगवान शंकर भी कहते हैं. उनके महेश, रुद्र, गंगाधर, भोलेनाथ, गिरीश जैसे कई नाम हैं. तंत्र साधना करने वाले भगवान शंकर को भैरव भी कहते हैं. भगवान शंकर को सौम्‍य और रौद्र दोनों रूपों में पूजा जाता है. भगवान शिव को त्रिदेवों में संहार का देवता माना जाता है. वैसे तो भगवान शिव को हमेशा कल्‍याणकारी माना जाता है, लेकिन वे लय और प्रलय दोनों को अपने अधीन रखते हैं.

भगवान शिव सुर और असुर दोनों को समान दृष्टि से देखते हैं. इसलिए कथा-कहानयिों में कई राक्षसों के उनकी कठिन तपस्‍या करने की जानकारियां मिलती हैं. भगवान शिव के कई अनन्‍य भक्‍तों में एक लंकाधिपति रावण भी हुए. कई राक्षसों ने उन्‍हें अपने तप से प्रसन्‍न कर मनचाहा वरदान पाया. सवाल ये उठता है कि भगवान शिव के भक्‍तों की कई कहानियां सुनी-सुनाई जाती हैं, लेकिन उनके पहले शिष्‍य की जानकारी बहुत कम उपलब्‍ध होती है. जानते हैं कि भगवान शंकर के पहले भक्‍त कौन थे?

भगवान शिव के पहले शिष्‍य कौन थे
भगवान शिव के पहले शिष्‍यों की जानकारी पुराणों में मिलती है. पुराणों के मुताबिक, भगवान शिव के सबसे पहले शिष्यों में सप्तऋषियों की गिनती होती है. मान्यता है कि सप्तऋषियों ने भगवान शिव के ज्ञान का प्रचार धरती पर किया था. इसी की वजह से विभिन्‍न धर्म और संस्कृतियों की उत्पत्ति हुई. ये भी माना जाता है कि भगवान शिव ने ही गुरु शिष्य परंपरा की शुरआत की थी. शिव के सबसे पहले शिष्यों में बृहस्पति, विशालाक्ष, शुक्र, महेंद्र, प्राचेतस मनु, सहस्राक्ष और भारद्वाज शामिल थे.