ISRO के सूर्य मिशन Aditya-L1:चंद्र विजय के बाद 'सूर्य नमस्कार' की तैयारी
चांद के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान 3 की ऐतिहासिक लैंडिंग के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) एक बार फिर इतिहास रचने की दहलीज पर है। चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के बाद अब देश के साथ-साथ पूरे विश्व की निगाहें ISRO के सूर्य मिशन यानी Aditya-L1 पर टिकी हैं। _________________________________ सूरज के रहस्यों को समझने आज आदित्य L1 भरेगा 15 लाख KM की उड़ान। _________________________________ इसका काउंटडाउन भी शुरू हो गया है। श्रीहरिकोटा के लॉन्चिंग सेंटर से आज 11.50 बजे आदित्य L1 स्पेसक्राफ्ट को PSLV-C57 रॉकेट के जरिए श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया जाएगा। आदित्य एल-1 अंतरिक्ष यान को पृथ्वी और सूर्य के बीच की एक फीसदी दूरी तय करके L-1 पॉइंट पर पहुंचा देगा। लॉन्चिंग के ठीक 127 दिन बाद यह अपने पॉइंट L1 तक पहुंचेगा। इस पॉइंट पर पहुंचने के बाद Aditya-L1 बेहद अहम डेटा भेजना शुरू कर देगा। सामने आए शेड्यूल के मुताबिक आदित्य-L1 को आज यानी शनिवार सुबह 11:50 बजे लॉन्च किया जाएगा। आदित्य सूरज के कोरोना से निकलने वाली गर्मी और गर्म हवाओं की स्टडी करेगा, सौर हवाओं के विभाजन और तापमान की स्टडी करेगा। सौर वायुमंडल को समझने का प्रयास करेगा। क्यों भेजा जा रहा है आदित्य-L1: इसरो का सूर्यमिशन सूर्य से जुड़े कई रहस्यों को उजागर करने के लिए काम करने वाला है। आदित्य-L1 जिस खास काम के लिए भेजा जा रहा है उनमें सबसे पहले तो ये शामिल है कि, सौर तूफानों के आने की वजह क्या है और सौर लहरों और उनका धरती के वायुमंडल पर क्या असर पड़ता है, यह भी पता लगाएगा। क्या स्टडी करेगा आदित्य-L1?: सूरज की सतह से थोड़ा ऊपर यानी फोटोस्फेयर का तापमान करीब 5500 डिग्री सेल्सियस रहता है। उसके केंद्र का तापमान अधिकतम 1.50 करोड़ डिग्री सेल्सियस रहता है। ऐसे में किसी यान या स्पेसक्राफ्ट का वहां जाना संभव नहीं है। धरती पर इंसानों द्वारा बनाई गई कोई ऐसी वस्तु नहीं है, जो सूरज की गर्मी बर्दाश्त कर सके। यहां देख सकते हैं लॉन्चिंग का लाइव प्रसारण: इस मिशन का मकसद सूर्य के बारे में अधिक से अधिक जानकारी जुटाना है। मून मिशन की तरह इसरो आदित्य-L1 की लॉन्चिंग का लाइव टेलीकास्ट करेगा। इसे आप इसरो के यूट्यूब और फेसबुक पेज पर इसका लाइव प्रसारण होगा। आदित्य L1 सूर्य की स्टडी करने वाला पहला भारतीय मिशन होगा। ये स्पेसक्राफ्ट लॉन्च होने के 4 महीने बाद लैगरेंज पॉइंट-1 (L1) तक पहुंचेगा। इस पॉइंट पर ग्रहण का प्रभाव नहीं पड़ता, जिसके चलते यहां से सूरज की स्टडी आसानी से की जा सकती है। इस मिशन की अनुमानित लागत 378 करोड़ रुपए है। Yugvarta news