Bharat Ratna Karpoori Thakur: मोदी सरकार ने कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने का किया एलान

Bharat Ratna Award: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न मिलेगा. उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न दिया जाएगा. सरकार ने यह घोषणा ऐसे समय की है जब बुधवार (24 जनवरी) को कर्पूरी ठाकुर की 100वीं जयंती है.
कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से सम्मानित किए जाने की मांग लंबे समय से उठ रही थी. मंगलवार (22 जनवरी) को जेडीयू नेता केसी त्यागी ने ठाकुर को भारत रत्न देने के साथ-साथ उनके नाम पर विश्वविद्यालय खोलने की मांग की थी.
कर्पूरी ठाकुर के बारे में संछिप्त जानकारी
24 जनवरी को कर्पूरी ठाकुर का जन्मदिन होता है। उससे पहले ही मोदी सरकार ने उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न दिया है। दो बार के मुख्यमंत्री रहे कर्पूरी ठाकुर कर्पूरी ठाकुर की राजनीति में ईमानदारी की मिसाल दी जाती है। वे ऐसे नेता थे जो केवल एक धोती-कुर्ता में कई महीने बिता दिया करते थे। निधन के समय उनके पास उनके पास न मकान था न एक इंच भी जमीन।
24 जनवरी 1924 को समस्तीपुर में जन्मे कर्पूरी ठाकुर दो बार बिहार के मुख्यमंत्री रहे लेकिन एक भी बार अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए। जब वे मुख्यमंत्री बने तो बिहार में पिछड़े वर्गों के लिए मुंगेरी लाल आयोग की अनुशंसा लागू कर आरक्षण का रास्ता खोल दिया।
कर्पूरी ठाकुर का जन्म बिहार के समस्तीपुर जिले के पितौंझिया (अब कर्पूरी ग्राम) गांव में गोकुल ठाकुर और रामदुलारी देवी के घर में हुआ था. छात्र जीवन में वह राष्ट्रवादी विचारों से प्रभावित थे और ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन में शामिल हो गए थे. उन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन में शामिल होने के लिए अपना स्नातक कॉलेज छोड़ दिया था. स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल होने के लिए उन्होंने 26 महीने जेल में बिताए थे.
कर्पूरी ठाकुर ने किया था 28 दिनों तक आमरण अनशन
देश को अंग्रेजी हुकूमत से स्वतंत्रता मिलने के बाद कर्पूरी ठाकुर ने अपने गांव के स्कूल में एक शिक्षक के रूप में काम किया था. वह 1952 में सोशलिस्ट पार्टी के उम्मीदवार के रूप में ताजपुर निर्वाचन क्षेत्र से बिहार विधानसभा के सदस्य बने थे. 1960 में केंद्र सरकार के कर्मचारियों की आम हड़ताल के दौरान उन्हें गिरफ्तार किया गया था. 1970 में उन्होंने टेल्को मजदूरों के हितों को बढ़ावा देने के लिए 28 दिनों तक आमरण अनशन किया था.
क्या बोले पीएम मोदी?
मंगलवार (22 जनवरी) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आधिकारिक X हैंडल से कर्पूरी ठाकुर की एक तस्वीर साझा करते हुए पोस्ट में लिखा, ''मुझे खुशी है कि भारत सरकार ने सामाजिक न्याय के प्रतीक महान जननायक कर्पूरी ठाकुर जी को भारत रत्न से सम्मानित करने का निर्णय लिया है और वह भी ऐसे समय में जब हम उनकी जन्मशती मना रहे हैं. हाशिये पर पड़े लोगों के एक चैंपियन और समानता और सशक्तिकरण के एक दिग्गज में यह प्रतिष्ठित सम्मान उनके सतत प्रयासों का प्रमाण है.''
पीएम मोदी ने लिखा, ''दलितों के उत्थान के लिए उनकी अटूट प्रतिबद्धता और उनके दूरदर्शी नेतृत्व ने भारत के सामाजिक-राजनीतिक ताने-बाने पर एक अमिट छाप छोड़ी है. यह पुरस्कार न केवल उनके उल्लेखनीय योगदान का सम्मान करता है बल्कि हमें एक अधिक न्यायपूर्ण और न्यायसंगत समाज बनाने के उनके मिशन को जारी रखने के लिए भी प्रेरित करता है.''