सड़क निर्माण में लॉजिस्टिक्स लागत 16% से घटकर 10% रह गई: नितिन गडकरी

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने आज सोमवार को बताया कि भारत की लॉजिस्टिक्स लागत 16% से घटकर 10% रह गई है, जो कि सड़कों की गुणवत्ता में हुए महत्वपूर्ण सुधार का परिणाम है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार द्वारा बुनियादी ढांचे (इंफ्रास्ट्रक्चर) के क्षेत्र में किए गए बड़े बदलावों की वजह से यह संभव हुआ है। समाचार एजेंसी एएनआई को दिए एक साक्षात्कार में गडकरी ने कहा कि यह प्रधानमंत्री का सपना है कि भारत ‘विश्वगुरु’ बने, दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बने और 5 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बने। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए हमें निर्यात (Export) बढ़ाना होगा, जिससे कृषि, सेवा और उद्योग क्षेत्रों में विकास होगा, रोजगार बढ़ेगा और देश में समृद्धि आएगी। केंद्रीय मंत्री गडकरी ने बताया कि पहले भारत में लॉजिस्टिक्स लागत 16% थी, जबकि चीन में 8%, अमेरिका और यूरोपीय देशों में 12% थी। खराब सड़कें, बंदरगाहों की स्थिति, महंगा ईंधन और ट्रैफिक जाम की वजह से भारत का परिवहन महंगा पड़ता था। लेकिन अब मोदी सरकार की सड़कों और हाईवे के क्षेत्र में की गई प्रगति की वजह से यह लागत 6% कम होकर 10% तक आ गई है और अगले साल तक इसे घटाकर 9% करने का लक्ष्य है। इससे भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और देश के निर्यात में इजाफा होगा। गडकरी ने आगे कहा कि भारत में अब जो सड़कें बन रही हैं, उनसे देश का इन्फ्रास्ट्रक्चर अमेरिका जैसा होगा। उन्होंने विश्वास जताया कि अगले दो वर्षों में भारतीय सड़क नेटवर्क अमेरिकी मानकों के समान हो जाएगा, क्योंकि सरकार ने सड़कों और राजमार्गों पर खर्च को कई गुना बढ़ा दिया है।