प्रदेश में कानून राज एवं सुषासन स्थापित करने मेें अभियोजन अधिकारी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं: मुख्यमंत्री योगी

By Tatkaal Khabar / 09-07-2018 03:33:14 am | 10427 Views | 0 Comments
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लखनऊ: 09 जुलाई, 2018


उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  ने आज डाॅ0 भीमराव अम्बेडकर उ0प्र0 पुलिस अकादमी, मुरादाबाद में प्रषिक्षु सहायक अभियोजन अधिकारियों के आधारभूत प्रषिक्षण कार्यक्रम के समापन अवसर पर अपने सम्बोधन में कहा कि प्रदेष में कानून का राज एवं सुषासन स्थापित करने में अभियोजन अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। अभियोजन अधिकारी अपराधियों को दण्डित कराने एवं पीड़ितों को न्याय दिलाने हेतु अपने कर्तव्यों एवं उत्तरदायित्वों का कुषलतापूर्वक निर्वहन करें। 
मुख्यमंत्री जी ने सहायक अभियोजन अधिकारियों का आह्वान किया कि वे अपने सेवाकाल में अनुषासन, समयबद्धता एवं चरित्र निर्माण के मूलभूत सिद्धान्तों का अनुसरण करते हुये सैद्धान्तिक पक्ष के साथ-साथ मानवीय एवं व्यावहारिक दृष्टिकोण विकसित करके विषिष्ट छवि बनाएं ताकि लोकतन्त्र में अन्तिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को न्याय मिल सके तथा न्याय पैसे के बल पर कदापि खरीदा न जा सके। उन्होंने अभियोजन अधिकारियों को पद की गरिमा व मर्यादा को सदैव बनाये रखकर दोषियों को सजा दिलाने तथा निर्दोषों को सजा मिलने से रोकने हेतु हर सम्भव प्रयास करने सहित आतंकवाद एवं भ्रष्टाचार के खात्मे हेतु निरन्तर प्रयत्नषील रहने का आह्वान किया। 
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि किसी भी सामाजिक व्यवस्था में न्याय का स्थान सर्वोपरि होता है तथा सुषासन का पहला आधार कानून का राज है। उन्होंने कहा कि न्याय व्यवस्था के सरल और सुदृढ़ होने से जनसामान्य का विष्वास कायम रहता है तथा अभियोजन अधिकारी इस वास्तविकता को ध्यान में रखें कि पक्ष कमजोर दिखायी पड़ने पर सरकार अधिकतम मुकदमे न्यायालयों में हार जाती है। इसकी प्रभावी रोकथाम की आवष्यकता है तथा इसी परिपे्रक्ष्य में जनसामान्य को न्याय उपलब्ध कराने में अभियोजन अधिकारियों का महत्वपूर्ण दायित्व है। 
मुख्यमंत्री जी ने सहायक अभियोजन अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि लोक अभियोजक के रूप में उन्हें यह सुनिष्चित करना होगा कि लोक अपराधों में लिप्त कोई भी व्यक्ति दण्डित हुए बिना न छूटने पाए। साथ ही, यह सुनिष्चित करने का दायित्व होगा कि कोई बेगुनाह दण्डित न हो। इसलिए सभी अभियोजन अधिकारियों को चाहिए कि वे कानून की बारीकियों से परिचित होकर लगाये गये अभियोग को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करने के लिए न्यायालयों में अपने से अधिक अनुभवी और प्रतिष्ठित अधिवक्ताओं के विरुद्ध पूरी तैयारी करें ताकि अभियुक्तों को दण्ड दिलाना सुनिष्चित हो सके तथा कोई भी अपराधी दण्डित होने से बच ना पाए। 
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि षासकीय कार्य के दौरान अभियोजन अधिकारियों का सरोकार आमजन से भी होगा। ऐसे में, जनसामान्य के हितों के प्रति मानवीय दृष्टिकोण रखते हुए बिना भेदभाव व पक्षपात के जनहित में कार्य करने हेतु संवेदनषील होने की जरूरत है। उन्होंने अभियोजन अधिकारियों का आह्वान किया कि वे चुनौतियों का सामना करते हुए पूरी ईमानदारी, कार्यकुषलता, सत्यनिष्ठा तथा समर्पण की भावना से शुुचिता और पारदर्षिता के साथ कार्य करते हुए समाज के उपेक्षितों व वंचितों को न्याय दिलाने हेतु प्रतिबद्धता से कार्य करें। 
इस अवसर पर प्रमुख सचिव गृह  अरविन्द कुमार ने सहायक अभियोजन अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि अधीनस्थ न्यायालयों में आपराधिक मामलों की पैरवी के लिये लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित ए0पी0ओ0 को अकादमी में तीन माह के प्रषिक्षण के उपरान्त न्यायालय एवं पुलिस कार्यप्रणाली के सम्बन्ध में दो माह के व्यावहारिक प्रषिक्षण के लिए विभिन्न जनपदों में नियुक्त किया गया है, जिसके पश्चात अधीनस्थ न्यायालयों में राज्य की ओर से दायर मामलों की कुषलतापूर्वक एवं व्यावसायिक दक्षता के साथ पैरवी करने का सभी ए0पी0ओ0 का दायित्व होगा, ताकि नागरिकों को सुलभ व त्वरित न्याय मिले और प्रदेष से गुण्डाराज को जड़ से उखाड़ फेंकने में सफलता मिल सके। प्रमुख सचिव गृह ने अभियोजन की गुणवत्ता में सुधार लाकर षासन की प्राथमिकता के अनुरूप अनुसूचित जाति, जनजाति एवं महिलाओं से सम्बन्धित अपराधों में दोषियों को सजा दिलाने में अपनी अहम भूमिका निभाने का सहायक अभियोजन अधिकारियों का आह्वान किया।
मुख्यमंत्री जी ने उ0प्र0 पुलिस अकादमी, मुरादाबाद में तीन माह में आधारभूत प्रषिक्षण में उल्लेखनीय उपलब्धि हेतु जिन प्रषिक्षु सहायक अभियोजन अधिकारियों को प्रमाण-पत्र प्रदान कर सम्मानित किया, उनमें अंकित राम को प्रथम, नीलेष सिंह को द्वितीय, प्रभात एवं विजयेता सिंह को तृतीय सहित नाजनीन बानो, प्रदीप कुमार सिंघल, हेमेन्द्र प्रताप सिंह, नीतू वर्मा, प्रीति, कमलेष कुमार विमल, मो0 तारिक खान, सोनिया अग्रवाल, विकास कुमार वर्मा, ऋषिपाल सिंह, संदीप कुमार वर्मा, नेहा चैधरी, जितेन्द्र सिंह, कमलेष कुमार, सौरभ कुमार, बरखा सिंह व संगीता गौतम षामिल हैं। इसके अतिरिक्त प्रषिक्षण पूर्ण करने वाले सभी 231 प्रषिक्षु ए0पी0ओ0 को भी प्रमाण-पत्र प्रदान किये गये। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने पुलिस अकादमी में स्थित साइबर क्राइम प्रषिक्षण लैब का भी अवलोकन व निरीक्षण किया। 
इस अवसर पर खेल एवं युवा कल्याण मंत्री  चेतन चैहान, पंचायती राज राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)  भूपेन्द्र सिंह चैधरी, अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री  बलदेव ओलख सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।