भारत-अमेरिका वैश्विक स्वच्छ ऊर्जा की आपूर्ति श्रृंखला सुरक्षित करने के लिए साथ मिलकर करेंगे काम
भारत और अमेरिका की ओर से वैश्विक स्वच्छ ऊर्जा की आपूर्ति श्रृंखला को सुरक्षित करने के लिए एक अरब डॉलर की साझेदारी का ऐलान किया गया है, जिससे स्वच्छ ऊर्जा के बढ़ रहे उपयोग का फायदा उठाया जा सके। इसमें उच्च-गुणवत्ता वाली नौकरियों के अवसर, स्वच्छ ऊर्जा को अधिक तेजी से आगे बढ़ाना और वैश्विक जलवायु लक्ष्य को पाना शामिल है। सरकार की ओर से रविवार को यह बयान दिया गया।
इस फंडिंग का उपयोग सोलर, विंड, बैटरी, एनर्जी ग्रिड सिस्टम और उच्च-क्षमता वाले एसी और फैन की आपूर्ति श्रृंखला के विस्तार के लिए किया जाएगा।
विलमिंगटन, डेलावेयर में छठे क्वाड लीडर्स शिखर सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति जो बिडेन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच बैठक के बाद सरकार ने कहा, "हम क्लीन एनर्जी के बढ़ रहे उपयोग का फायदा उठाने के लिए साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और यह हमारे आर्थिक वृद्धि के एजेंडे का अहम पहलू है।"
दोनों देशों का उद्देश्य क्लीन एनर्जी टेक्नोलॉजी में मैन्युफैक्चरिंग क्षमता का विस्तार करना है।
दोनों सरकारों की ओर से इंडस्ट्री लीडर्स के साथ काम करने वादा किया गया है। इसमें प्राथमिक ध्यान सोलर वेफर्स और वेफर्स मैन्युफैक्चरिंग, अगली पीढ़ी के सोलर सेल, पवन टरबाइन नैकेले उपकरण, कंडक्टर सहित पावर ट्रांसमिशन लाइन उपकरण, केबलिंग, ट्रांसफार्मर और अगली पीढ़ी की टेक्नोलॉजी, बैटरी सहित ऊर्जा भंडारण उपकरण, 2- और 3-पहिया इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बैटरी पैक और शून्य-उत्सर्जन ई-बस और ट्रकों के उपकरण और उच्च दक्षता वाले एयर कंडीशनर और सीलिंग फैन पर होगा।
दोनों देशों के लिए पायलट प्रोजेक्ट्स के शुरुआती पैकेज को सपोर्ट करने के लिए निजी सेक्टर के साथ साझेदारी की प्रतिबद्धता जताई गई है, जिसमें आदर्श रूप से अफ्रीका में स्वच्छ ऊर्जा तैनाती पर केंद्रित एक परियोजना भी शामिल है।