WFI President / बबीता पर साक्षी मलिक ने लगाया बड़ा आरोप, विनेश-बजरंग की भी खोली पोल

By Tatkaal Khabar / 22-10-2024 03:30:40 am | 1200 Views | 0 Comments
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WFI President: ओलंपिक मेडलिस्ट साक्षी मलिक ने हाल ही में एक बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि बीजेपी नेता और पहलवान बबीता फोगाट ने भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के अध्यक्ष बनने की महत्वाकांक्षा के चलते उन्हें और अन्य पहलवानों को प्रदर्शन के लिए उकसाया था। साक्षी का दावा है कि बबीता ने कई पहलवानों के साथ मीटिंग की थी, जिसमें उन्होंने WFI के भीतर यौन शोषण और छेड़छाड़ के मामलों के खिलाफ आवाज उठाने का आग्रह किया था। हालांकि, साक्षी का कहना है कि इस आंदोलन के पीछे बबीता का अपना एजेंडा था, जो अब सामने आया है।
बृजभूषण सिंह को हटाने की साजिश?
साक्षी मलिक, विनेश फोगाट, और बजरंग पुनिया ने पिछले साल WFI के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोला था। इन तीनों ने अन्य पहलवानों के साथ दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना दिया था, जिसमें बृजभूषण सिंह पर यौन शोषण के गंभीर आरोप लगाए गए थे और उनकी अध्यक्ष पद से बर्खास्तगी की मांग की गई थी। उस समय, पहलवानों के इस आंदोलन को बड़े स्तर पर समर्थन मिला था, लेकिन बबीता फोगाट इस प्रदर्शन में उनके साथ नहीं दिखी थीं, जो खुद बीजेपी से जुड़ी हैं।
हाल ही में दिए गए एक इंटरव्यू में साक्षी मलिक ने खुलासा किया कि बबीता फोगाट ने खुद पहलवानों को प्रदर्शन के लिए प्रोत्साहित किया था। साक्षी का कहना है कि बबीता का असली उद्देश्य बृजभूषण सिंह को हटाकर खुद WFI की अध्यक्षता संभालने का था। साक्षी ने दावा किया कि प्रदर्शन को हरियाणा में आयोजित कराने में कांग्रेस नहीं बल्कि बीजेपी नेता तिरथ राणा और बबीता फोगाट ने मदद की थी।
"बबीता ने माइंड गेम खेला"
साक्षी मलिक का कहना है कि उन्होंने शुरू में बबीता फोगाट पर विश्वास किया था क्योंकि वह खुद एक सफल महिला पहलवान रह चुकी हैं और WFI में नेतृत्व संभालने पर सकारात्मक बदलाव ला सकती थीं। लेकिन साक्षी ने यह भी कहा कि बबीता ने इस विश्वास का दुरुपयोग किया और उनका साथ देने के बजाय प्रदर्शन के पीछे से अपनी राजनीति खेली। साक्षी ने कहा, "हमें लगा था कि बबीता प्रदर्शन में हमारे साथ बैठकर हमारा समर्थन करेंगी, लेकिन उन्होंने हमारे साथ माइंड गेम खेला।"
विनेश और बजरंग पर भी आरोप
साक्षी मलिक ने अपनी हाल ही में प्रकाशित किताब 'विटनेस' में अपनी साथी पहलवानों विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। साक्षी का कहना है कि विनेश और बजरंग के स्वार्थी फैसलों के कारण प्रदर्शन से कोई ठोस परिणाम नहीं निकला। उन्होंने दावा किया कि दोनों पर उनके आसपास के लोगों ने दबाव डाला और इस लालच में आकर उन्होंने एड-हॉक कमेटी के फैसलों को स्वीकार कर लिया, जिसमें उन्हें ट्रायल गेम्स में छूट देने की बात कही गई थी।
साक्षी ने कहा कि इस फैसले से प्रदर्शन को गहरा नुकसान हुआ और समर्थन कर रहे कई लोग यह मानने लगे कि यह आंदोलन सिर्फ निजी लाभ के लिए किया जा रहा था। इससे पहलवानों के आंदोलन की साख पर सवाल खड़े हो गए और यह अपनी दिशा से भटक गया।
आंदोलन के उद्देश्य पर सवाल
साक्षी मलिक के इन खुलासों ने पूरे मामले में एक नया मोड़ ला दिया है। जहां पहले पहलवानों के प्रदर्शन को WFI में सुधार और यौन शोषण के खिलाफ एक आंदोलन के रूप में देखा जा रहा था, वहीं अब इस पर स्वार्थ और व्यक्तिगत एजेंडे का आरोप लग रहा है।