Deepotsav 2024: रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहला दीपोत्सव बनाएगा नया विश्व कीर्तिमान
अयोध्या, 29 अक्टूबर. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहला दीपोत्सव नया विश्व कीर्तिमान बनाएगा. योगी सरकार के दीपोत्सव के आठवें संस्करण में डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. प्रतिभा गोयल के प्रबंधन में दीपोत्सव-2024 को ऐतिहासिक बनाने के लिए 30 हजार वालंटियर्स के सहयोग से 25 लाख से अधिक दीयों को प्रज्ज्वलित करने की तैयारी पूरी कर ली गई है.
मंगलवार को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड टीम के कंसल्टेंट निश्चल बरोट की अगुवाई में 30 सदस्यों ने सरयू के 55 घाटों के दीप की गणना, पर्यवेक्षक, घाट प्रभारी, समन्वयक और गणना वालंटियर की मौजूदगी में शुरू की. विवि प्रशासन द्वारा दीपोत्सव को अलौकिक और भव्य बनाने के लिए वालंटियर्स एवं पदाधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान कर दिए गए हैं.30 अक्टूबर को दीपोत्सव के दिन दीपकों में तेल भरने के लिए एक-एक लीटर सरसों की बोतल उपलब्ध कराई जाएगी. वालंटियर 28 लाख बिछाए गए दीपकों में सावधानीपूर्वक तेल डालेंगे. घाट पर तेल न गिरे, इसका विशेष ध्यान रखा जाएगा.
विवि प्रशासन ने सरयू के 55 घाटों पर 28 लाख दीपकों को सजाने के कार्य को अंतिम रूप दे दिया. इसकी तैयारियों को लेकर विश्वविद्यालय ने पर्यवेक्षक, घाट प्रभारी, गणना वालंटियर्स के साथ दो हजार से अधिक भारी भरकम टीम उतार दी है. इनकी निगरानी में दीपोत्सव में 25 लाख से अधिक दीपक प्रज्ज्वलित होंगे.
दीपोत्सव की भव्यता विश्व पटल पर दिखे, इसके लिए विश्वविद्यालय परिसर के वालंटियर द्वारा घाट नंबर 10 पर 80 हजार दीपक से स्वास्तिक सजाया गया है. इससे पूरी दुनिया में शुभता का संदेश जायेगा. यह आकर्षण का केंद्र होगा.
विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. प्रतिभा गोयल के कुशल मार्गदर्शन में 30 हजार वालंटियर द्वारा 55 घाटों पर 16 गुणे 16 दीए का ब्लॉक बनाए गए हैं, जिसमें 256 दीपक सजाए गए हैं. इनमें एक वालंटियर को 85 से 90 दीपक प्रज्ज्वलित किए जाने का लक्ष्य दिया गया है.
दीपोत्सव नोडल अधिकारी प्रो. संत शरण मिश्र ने बताया कि उत्तर प्रदेश शासन, जिला प्रशासन के सहयोग से विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा कार्य को अंतिम रूप दे दिया गया है. राम नगरी के 55 घाटों पर दीपकों की सुरक्षा पुलिस प्रशासन व विश्वविद्यालय के सुरक्षा कर्मियों द्वारा की जा रही है. घाटों पर सुरक्षा सख्त कर दी गई है. बिना आई कार्ड के प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है.
30 अक्टूबर को दीपोत्सव के दिन प्रातः 10 बजे से पर्यवेक्षक, घाट प्रभारी, समन्वयक और गणना वालंटियर्स की देखरेख में 25 लाख से अधिक दीपकों में तेल डालने, बाती लगाने और देर शाम शासन द्वारा नियत समय पर दीपक प्रज्जवलित किए जाएंगे.