एससी/एसटी कानून को संविधान की नौवीं अनुसूची में डाले: कांग्रेस
नई दिल्ली : कांग्रेस ने मोदी सरकार पर अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार कानून कमजोर करने के खिलाफ हुए आंदोलन के दबाव में विधेयक लाने का आरोप लगाते हुए कानून को सुरक्षित बनाने के लिए इसे संविधान की नौवीं अनुसूची में डालने की सरकार से आज मांग की।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इस कानून के कुछ प्रावधानों को उच्चतम न्यायालय ने मार्च में समाप्त कर दिया था जिसके विरोध में पूरे देश में आंदोलन हुए जिसके कारण सरकार अनुसूचित जातियां तथा अनुसूचित जनजातियां (अत्याचार निवारण) संशोधन विधेयक 2018 लेकर आयी हैं। इसके अलावा इस साल के अंत तक कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, जिन्हें देखते हुए सरकार यह विधेयक लाने को मजबूर हुई है।
उन्होंने कहा कि विधेयक के पारित हाेने के बाद भी उच्चतम न्यायालय इसके प्रावधानों को खत्म कर सकता है, इसलिए इस कानून को नौवीं अनुसूची में शामिल किया जाए ताकि भविष्य में न्यायालय इसे निष्प्रभावी नहीं कर सके। उन्होंने कानून को कमजोर करने के खिलाफ हुए आंदोलन के दौरान जेल गए लोगों को रिहा करने तथा मामले वापस लेने की भी मांग की। इससे पहले पार्टी ने लोकसभा में भी विधेयक पर हुई चर्चा के दौरान इसे नौवीं अनुसूची में डालने की मांग की थी।