NCRB की रिपोर्ट में यूपी में सांप्रदायिक दंगे शून्य, कानून व्यवस्था बनी मिसाल

By Tatkaal Khabar / 01-10-2025 02:36:17 am | 1083 Views | 0 Comments
#

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की 'क्राइम इन इंडिया 2023' रिपोर्ट ने उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार की कानून-व्यवस्था की सराहना की है। एनसीआरबी के आंकड़े के मुताबिक, 2023 में यूपी में सांप्रदायिक एवं धार्मिक दंगों की संख्या शून्य रही है। योगी आदित्यनाथ से पहले यूपी में ऐसा कभी नहीं हुआ। यही नहीं, पूरे देश के मुकाबले यूपी में अपराध एक चौथाई कम है। देश के सबसे बड़े राज्य में कुल अपराध दर राष्ट्रीय औसत से 25% कम रही, जो 448.3 के मुकाबले 335.3 रही। एनसीआरबी के आंकड़े साबित करते हैं कि 2017 के बाद यूपी अब शांति व सामाजिक सद्भाव का गढ़ बन चुका है।
एनसीआरबी रिपोर्ट में यूपी में सांप्रदायिक दंगों की संख्या शून्य बताई गई, जो 2017 से प्रदेश में चली आ रही जीरो टॉलरेंस नीति का जीवंत उदाहरण है। दूसरी ओर 2012-2017 के बीच पांच वर्षों की बात करें तो ये आंकड़े भयावह हैं।
आंकड़ों के अनुसार, 815 दंगे हुए, जिनमें 192 लोगों की जान गई, जबकि 2007-2011 में 616 घटनाओं में 121 मौतें हुईं। इसके विपरीत, 2017 के बाद यूपी में कोई बड़ा दंगा नहीं हुआ। बरेली और बहराइच में दो हिंसक झड़पें हुईं, लेकिन योगी सरकार ने 24 घंटे के भीतर शांति बहाल कर स्थिति को नियंत्रित किया। बरेली की घटना पर त्वरित कार्रवाई ने कानून-व्यवस्था को और मजबूती प्रदान की है।
सीएम योगी की सख्त नीतियों की वजह से राज्य में अपराध पर लगाम लगा है। एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार, यूपी में विभिन्न अपराध श्रेणियों में राष्ट्रीय औसत से उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई।
बलवा के मामलों में भारत में 39,260 मामले (क्राइम रेट 2.8) के मुकाबले यूपी में 3,160 मामले (क्राइम रेट 1.3) रहे, जो राष्ट्रीय औसत से आधी से भी कम है और देश में 20वें स्थान पर है। फिरौती के लिए अपहरण के मामलों में देश में 615 घटनाएं हुई, जिसकी तुलना में यूपी मात्र 16 घटनाओं के साथ देश में 36वें स्थान पर है।
डकैती (आईपीसी 395) के मामलों में भारत में 3,792 (क्राइम रेट 0.3) के मुकाबले यूपी में 73 मामले दर्ज हुए, जो इसे 'नियर जीरो' क्राइम रेट की श्रेणी में लाता है। बड़ी जनसंख्या के बावजूद यह कमी योगी सरकार की सख्त नीतियों और त्वरित कार्रवाई का परिणाम है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पारदर्शी शासन और सख्त कानूनी कार्रवाई ने अपराधों पर अंकुश लगाने में कामयाबी हासिल की है। एनसीआरबी की रिपोर्ट योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति का परिणाम है।