गणेश चतुर्थी 2018 : 13 सितम्बर से शुरू है गणेश चतुर्थी,सारे संकटो से मुक्त होने के लिए करे ऐसे पूजन
भारत में हर साल गणेश चतुर्थी का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है. गणेश चतुर्थी पर लोग अपने घरों में भगवान गणेश की स्थापना करते हैं. इस साल गणेश चतुर्थी की शुरुआत 13 सितंबर से हो रही है. धार्मिक मान्यता है कि भगवान गणेश की पूजा करने से शुभ कार्य में कोई बाधा नहीं आती है. इसलिए किसी भी काम को करने से पहले भगवान गणेश की पूजा अर्चना की जाती है. हालांकि कोई भी पूजा प्रसाद के बिना पूरी नहीं होती है और भगवान गणेश को मोदक काफी प्रिय हैं. जिसके कारण उनको मोदक का भोग भी लगाया जाता है.
हिन्दू पौराणिक कथाओं के मुताबिक गणेश जी का एक दांत टूटा हुआ है, जिसके कारण इन्हें एकदंत भी कहा जाता है. मोदक की एक खासियत यह है कि इन्हें तलकर और स्टीम करके दोनों तरह से बनाया जा सकता है. दोनों ही तरह से बने मोदक काफी मुलायम और आसानी से मुंह में घुल जाते हैं, इसलिए टूटे हुए दांत के बावजूद भगवान गणेश इसे आसानी से खा लेते हैं. इस कारण भगवान गणेश को मोदक काफी पसंद हैं.
दुनिया को संकट से मुक्त कराने के लिए उन्होंने अलग-अलग समय में अलग-अलग अवतार लिए हैं। इन्हीं अवतारों के आधार पर बने हैं श्री गणेश के 32 मंगलकारी रूप। इनका वर्णन शास्त्रों में भी मिलता है। हिन्दू ग्रंथों और पुराणों में गजानन के स्वरूपों और अवतारों का वर्णन किया गया है। इन्ही पुराणों में से एक है मुद्गल पुराण जिसमें भगवान श्री गणेश के 32 रूपों का वर्णन किया गया है।ऐसी मान्यता है की जो प्राणी श्री गणेश के इन 32 रूपों का ध्यान करता है बाप्पा उसके सभी विघ्न हर लेते हैं।