Shradh 2018: शुरू हो गए है पितृ पक्ष, जानें श्राद्ध की तिथियां, पूजा विधि व नियम
पितृ पक्ष का समय 25 तारीख से शुरू हो चुका है। ऐसे में आप इस खास मौके पर दिवंगत पूर्वजों की आत्मा की शांति श्राद्ध कर्म तथा दान तर्पण कर सकते हैं। ऐसी मान्यता है कि यदि आपके पितर नाराज हो जाएं तो आप जीवन में कभी खुश नहीं रह पाएंगे।
इस बार श्राद्ध की तिथियों को लेकर कुछ दुविधा भी हो रही है कि ये 24 से प्रारंभ हो रहे हैं या 25 तारीख से। इसका समाधान तो हम आपके लिए कर ही रहे हैं लेकिन साथ ही ये भी जान लें कि श्राद्ध हमेशा उसी तारीख को करना चाहिए, जिस दिन घर के उस बड़े सदस्य का निधन हुआ हो। साथ ही श्राद्ध अपने घर पर या नदी के तट पे या गया जी में करें।
24 सितम्बर को पूर्णिमा है।
25 सितम्बर को प्रतिपदा अर्थात श्राद्ध का पहला दिन
26 सितम्बर द्वितीय श्राद्ध
27 सितम्बर तृतीय श्राद्ध
28 सितम्बर चतुर्थ श्राद्ध
29 सितम्बर पंचमी श्राद्ध
30 को षष्ठी श्राद्ध
1 अक्टूबर को सप्तमी श्राद्ध
2 अक्टूबर को अष्टमी श्राद्ध
3 अक्टूबर नवमी श्राद्ध
4 अक्टूबर दशमी श्राद्ध
5 अक्टूबर एकादशी श्राद्ध
6 अक्टूबर द्वादशी श्राद्ध
7 अक्टूबर को त्रयोदशी और चतुर्दशी दोनों श्राद्ध रहेंगे।
8 अक्टूबर को सर्वपितृ अमावस्या अर्थात सबका श्राद्ध है।
श्राद्ध के नियम
श्राद्ध कर्म में पिंड दान और तर्पण सम्मिलित है। दान का इस समय बहुत महत्व है। भोजन का एक अंश प्रतिदिन गाय,कौवे और कुत्ते के लिए निकालें। साथ ही सात्विक धर्म का पालन करें।