ऐसा अद्भुत मंदिर जहाँ फर्श पर सोने मात्र से ही प्रेग्नेंट हो जाती है महिलाएं

By Tatkaal Khabar / 15-07-2019 03:48:19 am | 13560 Views | 0 Comments
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हमारे देश में काफी अजीबो गरीब मंदिर है कही चिठ्ठी लिखने से ही मन्‍नत पूरी हो जाती है तो कहीं लोग मृत्‍यु के डर से मंदिर के समीप नहीं जाते है।

हमारे देश में हजारो मंदिर है जो किसी न किसी चमत्‍कार के लिए जाने जाते हैं। लेकिन क्‍या आपने हिमाचल के इस मंदिर के बारे में सुना है जहां सोने मात्र से ही महिलाएं प्रेग्‍नेंट हो जाती है।

इस मंदिर के चमत्‍कारिक किस्‍सों की वजह से इस मंदिर को संतान दात्री भी कहा जाता है। हालांकि विज्ञान को भी यह चमत्कार हैरान करता है। आइए जानते है इस मंदिर के बारे में-


भारत के एक मंदिर में यह मान्यता है कि यहां फर्श पर सोने से महिलाएं प्रेग्नेंट हो जाती है। हमें पता है आपको हमारी बातों पर यकीन नही हो रहा है। तो आइए आज हम आपको बताते है भारत के इस अनोखे मंदिर के बारें में, जहां सिर्फ फर्श पर सोने मात्र से ही महिलाओं को हो जाती है संतान की प्राप्ति

 
वैसे तो आपने सुना होगा कि संतान प्राप्ति स्त्री और पुरूष के आपसी संबंध के बाद होती है, और संतान प्राप्ति का ना होना विज्ञान के अनुसार शुक्राणुओं की कमी माना जाता है। वैसे भी महिलाएं संतान प्राप्ति के लिए न जाने कैसे-कैसे कष्टो से गुजरती हैं, लेकिन यहां तो सिर्फ फर्श पर सोने मात्र से संतान की प्राप्ति हो जाती है।

 
दरअसल हिमाचल के मंडी जिला की लड़भडोल तहसील के सिमस गांव में एक देवी का मंदिर है जहां ये मान्यता है कि निसंतान महिलाओं के फर्श पर सोने से संतान की प्राप्ति होती है। नवरात्रों में हिमाचल के पड़ोसी राज्यों पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ से ऐसी सैकड़ों महिलाएं इस मंदिर की ओर रूख करती हैं जिनके संतान नहीं होती है।

 
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के लड़-भड़ोल तहसील के सिमस नामक खूबसूरत स्थान पर स्थित माता सिमसा मंदिर दूर-दूर तक प्रसिद्ध है। माता सिमसा या देवी सिमसा को संतान-दात्री के नाम से भी जाना जाता है। हर वर्ष यहां निसंतान दंपति संतान पाने की इच्छा ले कर माता के दरबार में आते हैं। नवरात्रों में होने वाले इस विशेष उत्सव को स्थानीय भाषा में सलिन्दरा कहा जाता है। सलिन्दरा का अर्थ है स्वप्न आना।

 
नवरात्रों में निसंतान महिलायें मंदिर परिसर में डेरा डालती हैं और दिन रात मंदिर के फर्श पर सोती हैं ऐसा माना जाता है कि जो महिलाएं माता सिमसा के प्रति मन में श्रद्धा लेकर से मंदिर में आती हैं माता सिमसा उन्हें सपने में मानव रूप में या प्रतीक रूप में दर्शन देकर संतान का आशीर्वाद प्रदान करती है।

 
मान्यता के अनुसार, यदि कोई महिला सपने में कोई कंद-मूल या फल प्राप्त करती है तो उस महिला को संतान का आशीर्वाद मिल जाता है। यहां तक की देवी सिमसा आने वाली संतान के लिंग-निर्धारण का भी संकेत देती है। जैसे कि, यदि किसी महिला को अमरुद का फल मिलता है तो समझ लें कि लड़का होगा। अगर किसी को सपने में भिन्डी प्राप्त होती है तो समझें कि संतान के रूप में लड़की प्राप्त होगी। यदि किसी को धातु, लकड़ी या पत्थर की बनी कोई वस्तु प्राप्त हो तो समझा जाता है कि उसके संतान नहीं होगी।

 
कहते हैं कि निसंतान बने रहने का सपना प्राप्त होने के बाद भी यदि कोई औरत अपना बिस्तर मंदिर परिसर से नहीं हटाती है तो उसके शरीर में खुजली भरे लाल-लाल दाग उभर आते हैं। उसे मजबूरन वहां से जाना पड़ता है।

 
एक चमत्कार होता है यहां, सिमसा माता मंदिर के पास यह पत्थर बहुत प्रसिद्ध है। इस पत्थर को दोनों हाथों से हिलाना चाहो तो यह नही हिलेगा और आप अपने हाथ की सबसे छोटी ऊंगली से इस पत्थर को हिलाओगे तो यह हिल जायेगा।