जीएसटी आपकी जेब में छेद तो नहीं करेगा, लेकिन आपको मुट्ठी कसनी होगी

By Tatkaal Khabar / 29-06-2017 09:20:58 am | 12716 Views | 0 Comments
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हम क्या खरीदते हैं, कैसे खरीदते हैं और क्यों खरीदते हैं? इन सारे सवालों में मानवविज्ञानियों की दिलचस्पी बहुत पहले से रही है। लेकिन, ऐसा जान पड़ता है कि जीएसटी भारतीय ग्राहक गाथा में नया मोड़ लाने जा रहा है। 1 जुलाई से लागू होने जा रही नई व्यवस्था में फल, सब्जियां, दालें, गेहूं, चावल आदि टैक्स फ्री हैं जबकि चिप्स, बिस्किट, मक्खन, चाय और कॉफी पर ऊंची दर के टैक्स लगाए गए हैं। तो इसका मतलब क्या है? क्या इस वजह से लोग शॉपिंग के वक्त स्वास्थयप्रद सामानों को तवज्जो देंगे?

आजादी के बाद का सबसे बड़ा कर सुधार माना जानेवाला जीएसटी हर सेक्टर के लिए पूरे टैक्स सिस्टम को बदल कर रख देगा। वह चाहे रियल एस्टेट सेक्टर हो या वीइकल सेक्टर, कन्ज्यूमर ड्युरेबल्स की कंपनियां हों या लग्जरी आइटम्स कीं। इन सब पर जीएसटी का असर होना है। 50 से 80 हजार रुपये के बीच की कमाई वाले किसी मध्यवर्गीय परिवार के मासिक बजट पर कुछ सौ रुपये से ज्यादा का फर्क नहीं पड़ेगा। जो लोग 1.75 लाख रुपये की कमाई वाले दायरे में आते हैं, उन्हें भी लग्जरी आइटम्स, एसयूवी या सेडान खरीदने पर 2 से 4 प्रतिशत ज्यादा खर्च नहीं करना पड़ेगा। 

हालांकि, यह एक मोटा अनुमान है। लोगों के पंसद और उनकी प्राथमिकताओं के आधार पर उनके घर के बजट में ज्यादा अंतर आ सकता है। चेन्नै के एक चार्टर्ड अकाउंटेंट एम आर वेंकटेश ने कहा, 'उदाहरण के लिए घी और चाय पर ज्यादा टैक्स लगाया गया है। अब अगर आप घी ज्यादा खर्च करते हैं, तो आपको थोड़ा कष्ट होगा। हालांकि, अभी यह कहना भी जल्दबाजी है क्योंकि इसको कानून का रूप नहीं दिया गया है। कई वस्तुओं पर कोई टैक्स नहीं लगाया गया है।' 

सस्ती होनेवाली वस्तुओं में चिकन, तेल, मक्खन और भुजिया आदि शामिल हैं जबकि चाय, कॉफी, मसाला पाउडर, दही, पनीर, बिस्किट, च्यूइंग गम, चॉकलेट और आइसक्रीम आदि 1 से 5 प्रतिशत तक महंगे हो जाएंगे। अभी तंबाकू, शराब और पेट्रोल को टैक्स से छूट मिली हुई है। इस पर राज्यों को दरें तय करनी है। टैक्स कसंल्टंट बी कन्नन का कहना है, 'ऐल्कॉहॉल की कीमत बढ़ाने की जगह उन्होंने अन्य उत्पादों के दाम बढ़ा दिए।'

लोगों को घर, कार और कन्ज्यूमर ड्युरेबल्स आदि की खरीद के लिए रखे गए बजट पर बड़ा असर पड़ने वाला है। चूंकि, सभी सेवाओं पर सर्विस टैक्स 15 से बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है। ऐसे में लोन महंगे हो जाएंगे। इसी तरह, स्वास्थ्य, जीवन और वाहन बीमा पर भी ज्यादा खर्च करना होगा। बजाज अलायंज के सीईओ तपन सिंघल ने कहा, 'सर्विस टैक्स रेट्स पहले भी बढ़े हैं, लेकिन एक दशक से भी ज्यादा वक्त से ग्राहकों के खरीद के तौर-तरीकों में कोई बदलाव नहीं दिखा। आम लोगों पर नीतिगत बदलाव का असर बहुत कम होगा। उदाहरण के लिए 3 प्रतिशत टैक्स बढ़ने से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना पर कुछ पैसे का खर्च बढ़ेगा।'