कावेरी नदी के पानी के लिए तमिलनाडु पहुंचा उच्चतम न्यायालय
उच्चतम न्यायालय ने आज तमिलनाडु को यह आरोप लगाते हुये एक नयी अर्जी दायर करने की अनुमति दे दी कि कर्नाटक उसे कावेरी नदी के उसके हिस्से का 22.5 टीएमसी पानी नहीं दे रहा है। न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने तमिलनाडु के वकील से इस संदर्भ में उचित आवेदन दायर करने को कहा और आश्वासन दिया कि वह इस संबंध में सुनवाई करेगी। तमिलनाडु का आरोप है कि एक दायित्व के तहत उसे कर्नाटक द्वारा पिछले 25 दिनों में 22.5 टीएमसी पानी दिया जाना चाहिए था, लेकिन अब तक केवल 16.58 टीएमसी पानी ही छोड़ा गया है जिससे आपूर्ति में जबर्दस्त कमी आई है।
शीर्ष अदालत ने पिछले साल 18 अक्तूबर को कर्नाटक को निर्देश दिया था कि वह तमिलनाडु को अगले आदेश तक रोजाना 2,000 क्यूसेक पानी दे। न्यायालय ने दोनों राज्यों की सरकारों को शांति एवं सौहार्द सुनिश्चत करने का निर्देश देने के साथ ही कहा था कि लोगों को कानून हाथ में नहीं लेना चाहिए।
इससे पहले, 30 सितंबर 2016 को उच्चतम न्यायालय ने कावेरी का पानी तमिलनाडु को देने संबंधी अपने आदेशों की बार-बार 'अवज्ञा' को लेकर कर्नाटक की खिंचाई की थी और कहा था कि किसी को पता नहीं होगा कि उस पर कब 'कानून की गाज' गिरेगी। कर्नाटक ने मुद्दे पर शीर्ष अदालत में इसके तीन आदेशों और केंद्र को कावेरी जल विवाद प्रबंधन बोर्ड गठित करने के निर्देश के खिलाफ एक अक्तूबर को न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर की थी।