आर्थिक पैकेज की पांचवीं किस्त :प्रवासी मजदूरों को उनके राज्य में ही नौकरी देने के लिए 40,000 करोड़ की घोषणा
देश में जारी कोरोना संकट को देखते हुए लॉकडाउन है. लॉकडाउन के कारण अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए केंद्र सरकार ने 20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज की घोषणा की है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की पांचवीं किस्त की जानकारी देते हुए कई ऐलान किए. वित्त मंत्री ने पीएम नरेंद्र मोदी के ‘आपदा को अवसर’ में बदलने की बात का जिक्र करते हुए बताया कि उसी को ध्यान में रखकर आर्थिक पैकेज को तैयार किया गया है. पैकेज में लैंड, लेबर, लिक्विडिटी और लॉ पर जोर दिया गया है. पांचवीं किस्त की घोषणा के दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि मनरेगा पर खास ध्यान दिया गया है, जिससे श्रमिकों को काम मिल सके.
मनरेगा का बजट 40 हजार करोड़ बढ़ाया गया
आर्थिक पैकेज की पांचवीं किस्त की घोषणा करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार की योजना ‘मनरेगा’ के बजट में बड़ा इजाफा किया गया है. वित्त मंत्री ने कहा कि मनरेगा का बजट 40 हजार करोड़ रुपये बढ़ा दिया गया है. इसके पहले मनरेगा का बजट 61 हजार करोड़ रुपये था. अब, बजट में 40 हजार करोड़ रुपये का इजाफा कर दिया गया है. इसका सीधा फायदा श्रमिकों को मिलेगा. श्रमिकों को उनके इलाके में ही काम मिल सकेगा. केंद्रीय वित्त मंत्री ने बताया कि मजदूरों को उनके गृह राज्यों तक पहुंचाने के लिए 85 फीसदी खर्च केंद्र सरकार दे रही है. उन्हें किसी तरह की दिक्कत नहीं होने दी जाएगी.
8.19 करोड किसानों के खाते में 2-2 हजार रुपये
मनरेगा के बजट को बढ़ाने के ऐलान के साथ ही केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत सीधे अकाउंट में रुपये ट्रांसफर किए गए हैं. इसके जरिए देश के 8.19 करोड़ किसानों के खाते में दो-दो हजार रुपए दिए गए हैं. देश के 20 करोड़ जन-धन खाते में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर से पांच-पांच सौ रुपये भेजे गए. इसके अलावा 2.20 करोड़ निर्माण मजदूरों को भी सीधे मदद मुहैया कराई गई है. बताते चलें कि कोरोना संकट के कारण देश में लॉकडाउन है. इसको देखते हुए केंद्र सरकार ने 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया है. जिसे कई सेक्टर्स के हिसाब से बांटा गया है.