इन जड़ी-बूटियों से निर्मित आयुर्वेदिक काढ़ा से हार रहा कोरोना

दुनियाभर के वैज्ञानिक कोरोना के सटीक इलाज की दवा की खोज में लगे है। ऐसे में भारत की प्राचीन आयुर्वेदिक पद्धति से बना काढ़ा जिन्होंने पी लिया उन्हें कोरोना वायरस बीमार नहीं कर पाया और जो बीमार थे, वह भी जल्दी स्वस्थ्य हो रहे है । सात तरह की जड़ी-बूटियों से निर्मित आयुर्वेदिक काढ़ा आरोग्य कषाय-20 पी कर जिले के सुखसागर मेडिकल कालेज स्थित क्वारेंटाइन सेन्टर में भर्ती 119 कोरोना संक्रमित स्वस्थ होकर घर जा चुके है।
शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय के प्रधानाचार्य डॉ. एल.एल. अहिरवाल ने बताया कि आयुष विभाग के आयुक्त सह सचिव डॉ. एम.के.अग्रवाल के निर्देशानुसार सुखसागर मेडिकल कालेज के क्वारेंटाइन सेंटर में भर्ती कोविड-19 के लक्षण रहित व्यक्तियों को 14 मई से आयुर्वेदिक काढ़ा आरोग्य कषाय-20 निरंतर पिलाया जा रहा है । अभी तक 190 मरीजों को आरोग्य कषाय काढ़ा पिलाया गया, इसमें से 119 व्यक्ति स्वस्थ होकर डिस्चार्ज भी हो गये।
आयुर्वेद विशषज्ञ डॉ. ओबेद अहमद अंसारी के नेतृृत्व वाली टीम अपनी निगरानी में करेंटाइन सेंटर में भर्ती मरीजों को सुबह-शाम काढ़ा पिलाती है। साथ ही सभी व्यक्तियों के रिकार्ड का संधारण कर फीडबैक भी लेती है।
आरोग्य कषाय में शामिल 7 जड़ी-बूटी
आयुर्वेदिक काढ़ा आरोग्य कषाय-20 में 7 जड़ी-बूटियां मरिच, पिप्पली,शुण्ठी, हरीतिकी, गिलोय, भूम्यामलकी और यष्ठीमधु शामिल है । इन सभी को 200 ग्राम पानी में उबाल कर बने काढ़े को सुबह शाम 10 दिन तक लेना होता है । प्रधानाचार्य डॉ. अहिरवाल ने बताया कि इस काढ़े को पीने से व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृृद्धि होती है और मरीज के जल्दी ठीक होने की रिकवरी रेट बढ़ जाती है।