कोरोना से क्षतिग्रस्त हुए फेफड़े 3 महीने में खुद से रिपेयर हो जाएंगे
कोरोना वायरस से बीमार हुए कुछ मरीज के फेफड़ों को नुकसान पहुंचता है। डॉक्टरों ने इस बात को लेकर डर जताया था कि कोरोना के गंभीर मरीजों को क्षतिग्रस्त फेफड़ों के साथ ही लंबे वक्त तक रहना पड़ सकता है। लेकिन अब एक नई स्टडी में पता चला है कि कोरोना से गंभीर बीमार मरीज के फेफड़े खुद कुछ वक्त में खुद की मरम्मत कर लेते हैं।
ब्रिटिश टेलिग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक, करीब तीन महीने में कोरोना मरीज के फेफड़े खुद की मरम्मत कर सकते हैं। इस स्टडी के बाद उम्मीद पैदा हुई है कि कोरोना के गंभीर मरीजों को कई तरह की तकलीफों के साथ लंबे वक्त तक नहीं जीना होगा।
ट्रायल के दौरान कोरोना से बीमार होने वाले करीब आधे मरीजों में रिकवर होने के 12 हफ्ते बाद फेफड़े क्षतिग्रस्त नहीं मिले। यह इस तरह की पहली स्टडी है जिसमें कोरोना मरीजों के फेफड़े ठीक होने की बात कही गई है। हालांकि, कोरोना मरीजों का इलाज करने वाले कई डॉक्टरों का कहना है कि रिकवर होने के कई हफ्ते बाद भी मरीजों में बीमारी के साइड इफेक्ट देखे जा सकते हैं।
स्टडी के दौरान ऑस्ट्रिया में 86 मरीजों की जांच की गई। ये मरीज 29 अप्रैल से 9 जून के बीच हॉस्पिटल में भर्ती हुए थे। हॉस्पिटल से छुट्टी मिलने के 6 और 12 हफ्ते बाद इन मरीजों की जांच की गई। रिकवरी के 6ठे हफ्ते में 88 फीसदी मरीजों के फेफड़े में नुकसान के सबूत मिले। लेकिन 12वें हफ्ते में ये आंकड़ा घटकर 56 फीसदी हो गया।