केंद्रीय कैबिनेट का फैसला- लागू होगा तीन स्तरीय पंचायती राज सिस्टम
जम्मू-कश्मीर में तीन स्तरीय पंचायती राज सिस्टम लागू किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि ग्राम पंचायत, ब्लॉक पंचायत और अब जिला पंचायत, ऐसी त्रिस्तरीय रचना जो पंचायत राज के कानून में निहित है वो अब कश्मीर में भी लागू होगी।
प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि जनकल्याण के अनेक कानून भारत में होकर भी जम्मू-कश्मीर पर लागू नहीं होते थे। आज उस निर्णय पर मुहर लगी और अब जिला विकास परिषद के सीधे चुनाव होकर जनप्रतिनिधियों के हाथ में सत्ता आएगी।
केंद्र ने जम्मू-कश्मीर पंचायती राज कानून में संशोधन करके हर जिले में जिला विकास परिषद (डीडीसी) बनाए जाने का निर्णय लिया था। प्रत्येक जिला विकास परिषद में 14 क्षेत्र होंगे और सभी में एक प्रत्यक्ष निर्वाचित सदस्य होगा। कुछ सीटें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर पंचायती राज अधिनियम,1989 को केंद्र शासित प्रदेश में लागू करने की मंजूरी दे दी। सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि इससे देश के अन्य हिस्सों की तरह जम्मू-कश्मीर में भी जमीनी स्तर पर लोकतंत्र के तीनों स्तरों को स्थापित करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, ‘‘जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद भारत के अनेक जन कल्याण के कानून वहां लागू होना शुरु हो गए हैं।
पिछले सप्ताह ही त्रिस्तरीय पंचायत समिति का जो कानून पूरे देश मे है, वह जम्मू कश्मीर में भी लागू हो गया। यही तो कश्मीर पर अन्याय था। जन कल्याण के अनेक कानून भारत में होकर भी लागू नहीं होते थे। आज उस निर्णय पर मुहर लगी। और अब जिला विकास परिषद के सीधे चुनाव होकर जन प्रतिनिधियों के हाथ में सत्ता आएगी।’’
उन्होंने कहा कि लोग अब चुनाव से अपने प्रतिनिधि चुन सकेंगे। जावड़ेकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने यह वादा किया था कि त्रिस्तरीय पंचायत समिति की रचना जम्मू-कश्मीर में लागू की जाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘यह आज के निर्णय से पूरी हो गई है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया मजबूत होगी। लोगों के हाथ में सत्ता आएगी। कश्मीर का एक दुख था कि सत्ता लोगों के पास नहीं ‘चंद लोगों’ के पास थी। अब वह आम जनता के पास आ गई है। यह बहुत बड़ा बदलाव है।’’ जावड़ेकर ने उम्मीद जताई कि जम्मू और कश्मीर के लोग इस बदलाव का स्वागत करेंगे।