मास्क पहनते समय इन बातों का रखें ख़्याल
कोरोना महामारी के इस दौर में मास्क अब हर किसी के जीवन का एक अभिन्न हिस्सा बन चुका है, क्योंकि कोविड-19 महामारी में मास्क पहनना वायरस के प्रसार को रोकने का सबसे अच्छा तरीक़ा है. हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स अब किसी भी मरीज़ की जांच के लिए मास्क पहनने लगे है. ये पूरा विश्व कर रहा है. आम जनता को भी कही भी जाने पर आज मास्क पहनने के अलावा कोई उपाय नहीं है, क्योंकि भारत जैसे घनी आबादीवाले देश में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना बहुत कठिन है
खासकर हेल्थ केयर से जुड़े लोगों को टाइट मास्क पहनना पड़ता है. ऐसे में मास्कवाले जगह पर लाल धारियों का उभरना, इरीटेशन होना, पिम्पल्स का बढ़ना, स्किन का डार्क हो जाना आदि होता है. क्योंकि चेहरे की त्वचा नरम होती है और बार-बार मास्क के किनारों के रगड़ से उस स्थान पर इन्फ्लेमेशन होने लगता है. जिससे वहां की स्किन सेंसेटिव हो जाती है. सेंसरी नर्व्स एक्टिव हो जाते है. इसका अधिक प्रभाव सेंसेटिव स्किन पर पड़ता है. लोशन और क्रीम भी इसे कम करने में असमर्थ होता है.
डॉक्टर कहते है कि असल में मास्क पहनने से त्वचा पर डायरेक्ट फ्रिक्शन होता है, जिससे इरीटेशन और इन्फ्लेमेशन का होता है. इसके अलावा मास्क अपने अंदर नमी, सेलाइवा, म्यूकस, ऑयल, गन्दगी और पसीने को बाहर आने से रोकती है. इससे माइल्ड से मॉडरेट एक्ने, एक्जिमा आदि कई त्वचा सम्बंधित बीमारियां हो सकती है. सेंसेटिव त्वचावाले व्यक्ति को फेशियल रेडनेस, रोजेसिया और स्केलिंग का सामना करना पड़ सकता है. ये अधिकतर उन व्यक्तियों को होता है, जिनकी स्किन अधिक सेंसेटिव हो या उनके आसपास नमी युक्त या अधिक शुष्क वातावरण हो.
इन बातों का रखें ख़ास ख़्याल…
मास्क त्वचा को चोट पहुंचाए बिना नाक और मुंह को अच्छी तरह से ढकी हुई होनी चाहिए, लेकिन टाइट न हो.
चेहरे को माइल्ड सोप से दिन में दो बार धोने की कोशिश करें.
अगर आप हेल्थ केयर से जुड़े नहीं है, तो मास्क लंबी अवधि के लिए पहनने से परहेज करें. जब आपको इसे पहनने की ज़रूरत न हो, तो अपना मास्क उतार दें, जैसे कि घर पर, अपनी कार चलाते समय.
मास्क के गीले हो जाने पर इसे उतारकर दूसरा पहने.
अगर आपको अधिक समय तक मास्क पहननी है, तो एक्स्ट्रा मास्क साथ में लें और इस्तेमाल किए हुए मास्क को एक अलग प्लास्टिक बैग में जमाकर घर आने पर अच्छी तरह से धोकर सुखा लें.
कॉटन के फेस मास्क त्वचा के लिए अच्छे होते हैं. इसे निकालने के बाद गर्म पानी और साबुन से धो लें.
मास्क उतारने के बाद हाइपो एलर्जेनिक माॅइश्चराइज़र चेहरे पर लगाए. ऑइंटमेंट बेस्ड माॅइश्चराइज़र न लगाएं, क्योंकि ये पसीने और ऑयल को अपने में समेटती है.
मास्क से स्किन इरीटेशन को कम करने के लिए नाक और सेंट्रल चीक के पास जहां नोजपीस होता है. वहां ठंडक पहुंचानेवाले क्रीम का प्रयोग करें.
त्वचा को हाइड्रेट रखने के लिए क्लींजिंग के बाद माॅइश्चराइज़ करें. ऑयल फ्री माॅइश्चराइज़र दिन में कई बार त्वचा की इन्फ्लेमेशन को कम करने के लिए प्रयोग करें.
स्क्रब और एक्सफोलिएटर्स का प्रयोग इस समय चेहरे पर न करें.
पेट्रोलियम जेली या माइल्ड क्रीम से त्वचा की ड्राईनेस को कम किया जा सकता है.
अगर ये सब करने के बाद भी कुछ समस्या आती है तो स्किन स्पेशलिस्ट से तुरंत संपर्क कर दवा लें.
मास्क पहनने से पहले भूलकर भी हैवी मेकअप या फाउंडेशन न लगाएं, क्योंकि इससे दाग़-धब्बे के अलावा एक्ने होने की संभावना बढ़ जाती है.