आकाश में अनोखी 397 साल बाद खगोलीय घटना ‘ग्रेट कंजंक्शन’, कल गुरु और शनि होंगे एक दूसरे के सामने

By Tatkaal Khabar / 21-12-2020 02:34:54 am | 21193 Views | 0 Comments
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आकाश में कुछ अनोखी घटना देखने को मिल रही है। हमारे सौर मंडल के सबसे बड़े ग्रह बृहस्पति व शनि एक दूसरे के करीब आ रहे हैं। 397 साल बाद ये दोनों ग्रह एक दूसरे को आसमान में छूते हुए दिखाई देंगे। यह संयोग वर्ष 2020 के सबसे छोटे दिन 21 दिसंबर को देखने को मिलेगा।
Jupiter And Saturn Make Great Conjunction In December 2020 - 400    -            -  Amar Ujala Hindi News Live
 
इस दुर्लभ खगोलीय घटना में दोनों ग्रहों के बीच की आभासी दूरी मात्र 0.06 डिग्री रह जाएगी। साथ ही इन दोनों के चंद्रमाओं को भी एक डिग्री के अंतराल में देखने का अवसर होगा। इसके बाद इस घटना को स्पष्ट तौर पर आकाश में 376 साल बाद देखा जा सकेगा। 
शिक्षाविद् डॉ. सुरिंदर जिंदल बताते हैं कि अंतरिक्ष में घटने वाली यह खगोलीय घटना ‘ग्रेट कंजंक्शन’ कहलाती है। यह घटना साल के सबसे छोटे दिन यानी 21 दिसंबर को घटने जा रही है। डॉ. जिंदल बताते हैं कि वैसे तो गुरु और शनि ग्रह हर 20 साल में एक दूसरे के करीब आते हैं लेकिन 397 साल बाद ऐसा हो रहा है, जब इन दोनों ग्रहों के बीच की दूरी सिर्फ 0.06 डिग्री रह जाएगी। इसके पहले सन 1623 में ये दोनों ग्रह इतने करीब आए थे। इस साल 21 दिसंबर के बाद ये दोनों ग्रह 15 मार्च सन 2080 को इतने पास दिखाई देंगे।
 डॉ. जिंदल कहते हैं कि हमारे सौर मंडल में कुल ग्रहों की संख्या आठ है, जिनमें सूर्य से दूरी के हिसाब से पांचवां ग्रह गुरु और छठवां ग्रह शनि है। गुरु ग्रह सूर्य की परिक्रमा 11.86 साल में जबकि शनि ग्रह सूर्य की परिक्रमा 29.5 साल में पूरी करता है। ये दोनों ग्रह सूर्य की परिक्रमा करते समय करीब 19.6 साल में एक दूसरे के बहुत करीब आ जाते हैं। गुरु और शनि ग्रह की इसी स्थिति को ही  ‘ग्रेट कंजंक्शन’ कहा जाता है।


शांति, न्याय व ज्ञान में वृद्धि की सूचक है यह घटना
इस घटना का ज्योतिषीय महत्व भी है। केंद्रीय पुजारी परिषद व विश्व हिंदू परिषद की मोहाली इकाई के प्रधान पंडित जगदंबा प्रसाद रतूड़ी बताते हैं कि इन दोनों महत्वपूर्ण ग्रहों का मिलन अपने आप में अद्भुत होने के साथ ही देखने लायक भी होगा। उनके अनुसार इन दोनों ग्रहों की यह युति आने वाले दिनों में शांतिदायक होगी। इससे आम जनता में शांति, न्याय में गति व ज्ञान में वृद्धि होगी।
यह त्रिमूर्ति दर्शन होगा, जब चंद्रमा के पास ये दोनों ग्रह एक दूसरे को ढक लेंगे। उनका कहना है कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इससे पहले एक जून 2000 को भी यह मिलन मेष राशि में हुआ था लेकिन तब सूर्य के करीब होने के कारण इन्हें देखा नहीं जा सका था। इस बार यह मिलन मकर राशि में होगा, जबकि अगला मिलन चार अप्रैल 2060 में वृषभ राशि में होगा।

साल के सबसे छोटे दिन होगा यह संयोग
महान वैज्ञानिक गैलीलियो गैलिली ने टेलीस्कोप बनाने के बाद 1623 में शनि व गुरु को इतने करीब देखा था। टेलीस्कोप की सुविधा उपलब्ध हो जाने से ग्रह नक्षत्रों समेत ब्रह्मांड के कई रहस्यमय व भ्रामक तथ्यों की सत्यता का पता चला था। इस बार इस घटना की रोचकता इसलिए भी बढ़ी है क्योंकि यह खगोलीय घटना साल के सबसे छोटे दिन होने जा रही है।
इस दुर्लभ खगोलीय घटना को वैज्ञानिकों ने ‘ग्रेट कंजंक्शन’ नाम दिया है। कंजंक्शन का मतलब होता है आच्छादन। इस तरह की घटनाएं सौर मंडल में अक्सर होती रहती हैं लेकिन दो बड़े ग्रहों के बेहद नजदीक आने की घटना सदियों बाद ही हुआ करती है, इस कारण इसे ‘ग्रेट कंजंक्शन’ नाम दिया गया है।