आईआईआईटी भागलपुर में शुरू होंगे पीजी और पीएचडी कार्यक्रम:शिक्षा मंत्री निशंक
केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आईआईआईटी भागलपुर के स्थायी परिसर का शिलान्यास किया। नए स्थायी परिसर में अकादमिक ब्लॉक, प्रशासनिक ब्लॉक, व्याख्यान कक्ष, कंप्यूटर सेंटर, पुस्तकालय ब्लॉक, कार्यशाला और सह-इन्क्यूबेशन सेंटर होंगे। वर्तमान में यह संस्थान, कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार इंजीनियरिंग और मेक्ट्रोनिक्स इंजीनियरिंग जैसे तीन शाखाओं में बीटेक कार्यक्रम चला रहा है। संस्थान अगले शैक्षणिक सत्र से पीजी और पीएचडी कार्यक्रम भी शुरू करेगा।
आईआईआईटी भागलपुर के स्थायी परिसर के निर्माण के बाद, यह संस्थान देश के विभिन्न राज्यों के लगभग 600 छात्रों को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान कर सकता है। इसके अलावा, बिहार राज्य के छात्रों को पढ़ाई के लिए बिहार से बाहर भी नहीं जाना पड़ेगा।
इस अवसर पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा, "आईआईआईटी भागलपुर अभी नया है, लेकिन बहुत जल्द यह उत्कृष्टता का केंद्र बन जाएगा। यह आयोजन एक संवाद की शुरूआत करेगा। बिहार राज्य के शैक्षिक दायरे को विकसित करने के लिए हमारे समाज के सभी स्तरों और वर्गो के लोगों की व्यापक भागीदारी को प्रोत्साहित करेगा।"
केंद्रीय मंत्री ने कहा, "मुझे आशा है कि नया भवन परिसर को समृद्ध करेगा। इस इमारत में तकनीकी शिक्षा के साथ-साथ भारतीय विद्या-धर्मियों की झलक भी होगी। भवन की आकृति इस प्रकार से डिजाइन और निर्मित की जाएगी, जिसमें विक्रमशिला, मधुबनी चित्र आदि जैसे स्थानीय महत्व की चीजें शामिल हों। आईआईआईटी भले ही अभी नया हो, लेकिन मुझे यकीन है कि जल्द ही यह पेटेंट के क्षेत्र में भी आगे बढ़ेगा और आगे चलकर यह नालंदा और विक्रमशिला की तरह ही शोध का केंद्र बन जाएगा।"
आईआईआईटी भागलपुर की प्रशंसा करते हुए डॉ. निशंक ने कहा, "आईआईआईटी भागलपुर नवाचार और अनुसंधान के लिए लगातार काम कर रहा है। जब पूरा देश एकजुट होकर कोविड -19 महामारी से लड़ रहा है, तो आईआईआईटी भागलपुर ने एक डिटेक्शन सॉफ्टवेयर बनाया है जो वर्तमान में आईसीएमआर में सिफारिश के लिए प्रक्रिया में है। इसके अलावा इस संस्थान ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को भी लागू करना शुरू कर दिया है। यह बेहद सराहनीय है कि आईआईआईटी भागलपुर ने 'सोसाइटी -एकेडेमिया-इंडस्ट्री' इंटर्नशिप नामक एक नई पहल शुरू की है, जिसे यूजी छात्रों के पाठ्यक्रम में पेश किया गया है।"