PAK परमाणु ठिकानों को 1984 में ही भारत नष्ट कर सकता था :सीआईए
1984 में ही इंडियन एयरफोर्स पाकिस्तान के परमाणु ठिकानों पर हमला कर सकता था, जिससे पाकिस्तान का परमाणु प्रोजेक्ट कई साल पीछे चला जाता। इस बात का खुलासा सीआईए ने अपने दस्तावेजो द्वारा किया है।रिपोर्ट के मुताबिक, यह हमला नवंबर में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद किया जा सकता था। कागजातों के हिसाब से ऐसा माना जाता है कि उस हमले की वजह से इस्लामाबाद कई सालों तक परमाणु हथियार नहीं बना पाता।रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान की कमांड, कंट्रोल और कम्यूनिकेशन व्यवस्था काफी खराब था। पाकिस्तानी वायुसेना के पास इस समय वायु सुरक्षा उपकरण भी नहीं थे, जिसकी वजह से वह भारत के हमले का ना तो जवाब दे पाता ना ही रोक पाता।पाकिस्तान के कहुटा एनरिचमेंट प्लांट और पिंसटेक न्यू लेबोरेट्री तक भारत महज 30 मिनट के अंदर पहुंच सकता था।भारतीय वायुसेना पाकिस्तान की वायुसेना से काफी बेहतर और शक्तिशाली थी। भारत के पास मिग-29 के रुप में बड़ी ताकत थी जिसका मुकाबला पाकिस्तान नहीं कर सकता था।पाक के पास मौजूद एफ-16 विमानों की तुलना में मिग-29 की मारक क्षमता जबरदस्त थी। भारतीय वायुसेना के पास सभी संसाधन मौजूद थे जिससे वह पलक झपकते ही पाकिस्तान की वायुसीमा पर अधिकार कर पाक के परमाणु ठिकानों को नष्ट कर सकता था।