पश्चिम बंगाल में ADG (कानून-व्यवस्था) को चुनाव आयोग ने पद से हटाया,TMC के थे खास, ममता नाराज़

By Tatkaal Khabar / 28-02-2021 02:43:28 am | 11604 Views | 0 Comments
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पश्चिम बंगाल में चुनावों की तारीखों का ऐलान हो चुका है। चुनाव आयोग ने आचार संहिता लागू होने के साथ ही हिंसा और लॉ एंड ऑर्डर को लेकर कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। तारीखों के ऐलान के दूसरे दिन ही चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल में एडीजी लॉ एंड ऑर्डर जावेद शमीम को हटा दिया है। 

शमीम की जगह डीजी फायर सेवा जगन मोहन को नया एडीजी बनाया गया है। एडीजी (कानून-व्यवस्था) चुनाव आयोग के साथ नोडल एजेंसी के रूप में काम करता है। जावेद शमीम को डीजी फायर सेवा बनाया गया है। बता दें कि हाल में ही सीएम ममता बनर्जी ने जावेद शमीम को नया एडीजी बनाया था। जग मोहन 1991 बैच के आइपीएस हैं। इस बाबत राज्य सरकार की ओर से एक निर्देश जारी किया गया है।


बीजेपी सहित विरोधी दल लगातार राज्य में हिंसा की आशंका जता रही है। बीजेपी के परिवर्तन यात्रा के रथ पर हमले के खिलाफ बीजेपी ने चुनाव आयोग से शिकायत की थी और कार्रवाई की माँग की थी।

टीएमसी के एमपी सौगत राय ने चुनाव आयोग के इस फैसले पर प्रतिक्रिया जताते हुए कहा कि सीएम ममता बनर्जी ने पहले ही कहा है कि चुनाव आयोग पक्षपातपूर्ण ढंग से कार्रवाई कर रहा है और मोदी और अमित शाह के निर्देश पर काम कर रहा है। चुनाव आयोग के इस कार्रवाई पर तृणमूल कॉन्ग्रेस ने प्रतिकार किया है।


 
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल की कुल 294 सीटों के लिए आठ चरणों में चुनाव होंगे। 27 मार्च को पहले चरण के लिए मतदान होगा। इसी तरह दूसरे चरण में 30 विधानसभा सीटों के लिए एक अप्रैल को मतदान होगा। बंगाल में तीसरे चरण की अधिसूचना 12 मार्च को जारी होगी और 6 अप्रैल को मतदान होगा। तीसरे चरण में कुल 31 विधानसभा सीटों पर चुनाव होगा। 

चौथे चरण की पाँच जिलों की 44 विधानसभा सीटों के लिए 10 अप्रैल को मतदान होगा। 5वें चरण की 45 विधानसभा सीटों के लिए 17 अप्रैल को होगा। छठें चरण का मतदान 22 अप्रैल को होगा। सातवें चरण के लिए 26 अप्रैल को मतदान होगा। सातवें चरण में 36 सीटों पर चुनाव होंगे। इसी तरह आठवें चरण का मतदान 29 अप्रैल को होगा। सभी चरणों के नतीजे एक साथ दो मई को आएँगे।

बता दें कि पश्चिम बंगाल में चुनावी तारीखों के ऐलान के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव आयोग पर सवाल खड़े किए थे। चुनाव आयोग की ओर की गई घोषणा के बाद सीएम ममता ने उनकी मंशा पर सवाल खड़ा किया और पूछा कि क्या उन्होंने ये तारीखों का ऐलान बीजेपी के हिसाब से किया है।