टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनने जा रहा दिल्ली का गांव जहां कभी शाहजहां करते थे शिकार...
दिल्ली और इसके आसपास के किलों और इमारतों में आज भी मुगलकालीन इतिहास देखने को मिलता है. मुगल शासक शाहजहां से जुड़ा ऐसा ही गांव है जौंती गांव. जो दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर से सटा हुआ है. इस गांव को शाहजहां के शिकारगाह के रूप में जाना जाता था. समय के साथ जौंती गांव में लोगों का बसेरा तो हो गया लेकिन यहां पर सुविधाओं में ज्यादा इजाफा नहीं हो पाया. अब इस गांव को पर्यटन स्थल के रूप में ढालने पर विचार हो रहा है. यहां घूमने-फिरने के साथ ही लोगों को मनोरंजन की सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएगी. इस संबंधदिल्ली और इसके आसपास के किलों और इमारतों में आज भी मुगलकालीन इतिहास देखने को मिलता है. मुगल शासक शाहजहां से जुड़ा ऐसा ही गांव है जौंती गांव. जो दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर से सटा हुआ है. इस गांव को शाहजहां के शिकारगाह के रूप में जाना जाता था.
में आर्ट एवं कल्चरल विभाग ने प्रस्ताव बनाकर दिल्ली सरकार को भेज दिया है. सरकार की मंजूरी मिलते ही काम शुरू हो जाएगा. मुंडका विधानसभा के कंझावला सब डिवीजन में स्थित जोंति गांव दिल्ली और हरियाणा के बॉर्डर पर है. यहां मुगलकालीन 17वीं शताब्दी की शिकारगाह, फोर्ड और तालाब है. फोर्ड बदहाल और अतिक्रमण की चपेट में है. आर्ट एवं कल्चरल विभाग की योजना के मुताबिक शिकारगाह और फोर्ड में सुधार कार्य किए जाएंगे. इससे जौंती गांव को भी एक पहचान मिलेगी.यहां तालाब में बोटिंग की सुविधा शुरू की जाएगी. साथ ही मुगलकालीन विरासत की पूरी जानकारी देने के लिए एक्जिबिशन हाल बनाने की भी योजना है. इस योजना से न सिर्फ मुगलकालीन विरासत संरक्षित होंगी, बल्कि पर्यटन का क्षेत्र विकसित होने से जौंती गांव का भी विकास होगा.प्रधानमंत्री की आदर्श ग्राम योजना में उत्तर पश्चिम लोकसभा क्षेत्र से सांसद डॉ. उदित राज ने इस गांव को गोद लिया है. इसे गोद लेने के समय ही सांसद ने गांव को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की घोषणा की थी. इसके बाद से ही गांव में सुविधाएं बढ़ाने के लिए काम चल रहा है. अब इस योजना से भी गांव को फायदा मिलेगा. जौंती गांव स्थित शिकारगाह को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना अभी प्रारंभिक चरण में है. इस प्रस्ताव को स्वीकृति के लिए सरकार को भेजा है, जहां से स्वीकृति मिलने के बाद काम आगे किया जाएगा.माना जाता है कि यहां शाहजहां शिकार करने के लिए आया करते थे. पहले यहां घना जंगल हुआ करता था. जहां कई जंगली जानवर रहा करते थे. शाहजहां यहां अपनी रानियों के साथ आराम फरमाने आया करते थे