मनसुख हिरेन केस की जांच अब NIA करेगी, गृह मंत्रालय ने दी मंजूरी
मुंबई के मनसुख हिरेन मर्डर केस की जांच एनआईए करेगी। सूत्रों के अनुसार केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मनसुख की मौत के केस की जांच का जिम्मा एनआईए को सौंपने का फैसला किया है। अब तक इस केस की जांच महाराष्ट्र एटीएस कर रही थी। जबकि विस्फोटक केस की जांच एनआईए के पास थी। लेकिन अब ये बड़ा फैसला लिया गया। एनआईए एक्ट 2008 के सेक्शन 8 के अनुसार एनआईए जिस मामले की जांच कर रही हो और उससे जुड़े कोई दूसरे मामले भी सामने आएं तो एनआईए उस मामले की भी जांच कर सकती है।
एटीएस कर रही थी जांच
मनसुख हिरेन की मौत के मामले में हत्या की आशंका को देखते हुए यह जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौंपी गई है। 6 मार्च से महाराष्ट्र एटीएस इस मामले की जांच कर रही थी। कहा जा रहा है कि 25 लोगों के बयान अब तक एटीएस ने लिए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पोस्टमॉर्टम में कहा गया कि मनसुख की लाश करीब दस घंटे तक पानी में रही थी और उनके शरीर पर कई जगह चोट के निशान थे।
वाजे को अम्बानी के घर के निकट लेकर गई एनआईए
मुंबई पुलिस के निलंबित अधिकारी सचिन वाजे को उद्योगपति मुकेश अम्बानी के आवास के निकट उस स्थल पर लेकर गई, जहां पिछले महीने विस्फोटकों से भरी एक कार मिली थी और उसने मामले की जांच के लिए घटना का नाट्य रूपांतरण किया। एनआईए को शक है कि घटनास्थल कार्माइकल रोड पर लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज में सफेद कुर्ता पहने जो व्यक्ति दिखाई दे रहा है, वह वाजे है, लेकिन अभी इस बात की पुष्टि नहीं हुई है। सड़क पर कुछ समय के लिए अवरोधक लगाए गए और जांच के तहत घटनाक्रम का नाट्य रूपांतरण किया गया।’’ उन्होंने बताया कि वाजे और जांचकर्ता 30 मिनट से अधिक समय तक घटनास्थल पर मौजूद रहे। अधिकारी ने कहा, ‘‘इस दौरान निलंबित पुलिस निरीक्षक (वाजे) को कुछ देर के लिए सफेद कुर्ता पहनकर चलने को कहा गया।’’ अधिकारी ने बताया कि इस पूरी प्रक्रिया का वीडियो बनाया गया और घटनास्थल पर स्थानीय पुलिस को भी तैनात किया गया था।