वित्त मंत्री ने कहा:Petrol-diesel को GST मे लाने को तैयार सरकार, अगली परिषद बैठक में करेंगे चर्चा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने मंगलवार को कहा कि पेट्रोल-डीजल (petrol and diesel) को जीएसटी (GST) के तहत लाने पर केंद्र सरकार चर्चा करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि अगली जीएसटी परिषद (GST Council) की बैठक में इस मुद्दे पर राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ विचार-विमर्श किया जाएगा।
सीतारमण ने लोकसभा में कहा कि एक मुद्दा है जिसे सदस्य उठा रहे हैं कि पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाए। महाराष्ट्र में पेट्रोल और डीजल पर सबसे ज्यादा टैक्स है। मैं यह नहीं कह रही हूं कि एक राज्य में टैक्स ज्यादा है या कम है। मुद्दा यह है कि, राज्य भी ईंधन पर कर वसूल रहे हैं, केवल केंद्र सरकार ऐसा नहीं कर रही है। केंद्र सरकार विकास कार्यों के लिए यह टैक्स वसूल रही है।
उन्होंने आगे कहा कि केंद्र भी टैक्स लगाता है और राज्य भी लगाते हैं। यदि ईंधन पर टैक्स को लेकर कोई मुद्दा है तो मैं ईमानदारी से कहना चाहूंगी कि आज की चर्चा के आधार पर विचार करें, बहुत से राज्य इस पर विचार करेंगे और अगली जीएसटी परिषद की बैठक में यदि इस मुद्दे को लाया जाता है तो मुझे इस एजेंडे पर बात करने में बहुत खुशी महसूस होगी।
पिछले हफ्ते, सीतारमण ने कहा था कि क्रूड ऑयल, पेट्रोल, डीजल, जेट फ्यूल और नैचूरल गैस को गुड्स एंड सर्विस टैक्स के दायरे में लाने का अभी कोई प्रस्ताव नहीं है। वित्त मंत्री ने टैक्स आधार बढ़ाने की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि सरकार ने प्रोविडेंट फंड में टैक्स-फ्री इनवेस्टमेंट की सीमा उन कर्मचारियों के लिए बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी है, जहां नियोक्ता अपना अंशदान नहीं देते हैं।