Holika Dahan 2021 Subh Muhurat: होली पर 499 साल बाद बन रहा है दुर्लभ संयोग, दहन शाम 6:22 बजे से शुरू

By Tatkaal Khabar / 28-03-2021 08:50:23 am | 19609 Views | 0 Comments
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होली के खास मौके पर रविवार को ग्रह-नक्षत्रों का विशेष संयोग बन रहा है। ऐसा संयोग 499 साल बाद बना है। भारतीय वैदिक पंचांग के अनुसार इस बार फाल्गुन पूर्णिमा सोमवार को है। आचार्य सोमदत्त शर्मा कहते हैं कि इस दौरान गुरु बृहस्पति और शनि अपनी-अपनी राशि में रहेंगे, जिसे सुख-समृद्धि और धन-वैभव के लिहाज से अच्छा माना जाता है। 

पंडित बताते हैं कि देवगुरु धनु राशि नें और शनि मकर राशि में रहेंगे। इससे पहले ग्रहों का यह संयोग 03 मार्च 1511 में बना था। ज्योतिषविद भारत ज्ञान भूषण कहते हैं कि एक ओर गुरु बृहस्पति जहां ज्ञान, संतान, गुरु, धन-संपत्ति के प्रतिनिधि हैं तो वहीं शनि न्याय के देवता हैं। ज्योतिष विभोर इंदुसुत के अनुसार शनि का फल व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार मिलता है। अगर व्यक्ति अच्छे कर्म करता है तो शनि अच्छे फल देते हैं और बुरे कार्य करता है तो शनि उसे विभिन्न रूप से दंडित करते हैं। होली पर इन दोनों ग्रहों की स्थिति किसी शुभ योग से कम नहीं है।


होलिका पूजन मुहूर्त-

भद्रा अवधि में शुभ योग- रविवार की सुबह 10 बजकर 16 मिनट से 10 बजकर 31 मिनट तक।
भद्रा पश्चात लाभामृत योग- दोपहर 01 बजरर 13 मिनट से शाम 06 बजे तक।
होलिका दहन पूजन कुल अवधि- शाम 06 बजकर 22 मिनट से रात 11 बजकर 18 मिनट तक।
शुभ मुहूर्त- शाम 06 बजकर 22 मिनट से रात 08 बजकर 52 मिनट तक।
प्रदोष काल विशेष मंगल मुहूर्त- शाम 06 बजकर 22 मिनट से शाम 07 बजकर 10 मिनट तक।
होलिका पर भद्रा नहीं-

इस बार होली दहन के दौरान भद्रा नहीं रहेंगे। होली वाले दिन रविवार दोपहर 1 बजकर 10 मिनट तक भद्रा उपस्थित रहेगी। इसलिए दोपहर 10 बजकर 10 मिनट होने के बाद ही होली पूजन करना श्रेष्ठ होगा। अगर विशेष रूप से होली दहन के मुहूर्त की बात करें तो इस बार शाम 06 बजकर 22 मिनट से रात 08 बजकर 52 मिनट के बीच कन्या लग्न में होली दहन का श्रेष्ठ मुहूर्त होगा। भद्रा में होलिका दहन वर्जित माना गया है।