Uttar Pradesh: अब संस्‍कृत विद्यालय के कक्षा आठवीं तक के छात्र भी पढ़ेंगे NCERT की किताबें

By Tatkaal Khabar / 01-04-2021 04:23:05 am | 15072 Views | 0 Comments
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प्रदेश के संस्‍कृत विद्यालयों (Sanskrit Schools) में पढ़ने वाले छात्रों को बेहतर शिक्षा (Education) उपलब्‍ध कराने के लिए सरकार के प्रयास कामयाब साबित हो रहे हैं. प्रदेश के संस्‍कृत विद्यालयों में अब तक कक्षा 9वीं से 12वीं तक के छात्रों को ही एनसीईआरटी (NCERT) की किताबें पढ़ाई जाती थीं. लेकिन इस सत्र 2021 से कक्षा 6 से 8 तक के छात्र भी एनसीईआरटी की किताब पढ़ेंगे. हालांकि छात्रों के कोर्स में संस्‍कृत अनिवार्य विषय के रूप में शामिल होगा. इससे संस्‍कृत विद्यालयों के छात्र संस्‍कृत के ज्ञान के साथ कम्‍प्‍यूटर व अंग्रेजी का ज्ञान भी हासिल कर सकेंगे.

योगी सरकार संस्‍कृत भाषा को बढ़ाने के लिए तेजी से अग्रसर है. संस्‍कृत विद्यालयों के बच्‍चों को बेहतर शिक्षा उपलब्‍ध कराने और सभी सहूलियतें देने के लिए सरकार के प्रयास रंग लाने लगे हैं. सरकार के निर्देश पर संस्‍कृत बोर्ड कक्षा 6 से 8वीं तक के छात्रों को एनसीईआरटी की किताबों से पढ़ाएगा. मौजूदा समय में प्रदेश के अंदर 1164 संस्‍कृत विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है. इसमें 97,500 से अधिक छात्र-छात्राएं अध्‍ययन कर रहे हैं. संस्‍कृत भाषा के साथ छात्रों को आधुनिक शिक्षा से जोड़ने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है.

सभी संस्‍कृत विद्यालयों में कम्‍प्‍यूटर शिक्षा अनिवार्य
प्रदेश के संस्‍कृत विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र संस्‍कृत के साथ कम्‍प्‍यूटर शिक्षा का ज्ञान हासिल करें, इसके लिए प्रदेश के सभी संस्‍कृत विद्यालयों में कम्‍प्‍यूटर लगाए जा रहे हैं. पिछले साल 72 जनपदों के संस्‍कृत विद्यालयों में कम्‍प्‍यूटर स्‍थापित किए गए थे. वहीं, इस साल भी उत्तर प्रदेश संस्‍कृत संस्‍थान की ओर से प्रदेश के शेष विद्यालयों को कम्‍प्‍यूटर सुविधा उपलब्‍ध करा दी गई है.

इसके पीछे सरकार का मकसद है कि संस्‍कृत विद्यालयों के छात्र संस्‍कृत भाषा का ज्ञान हासिल करने के साथ-साथ वर्तमान दौर की कम्‍प्‍यूटर शिक्षा से वंचित न हो पाएं. इसलिए संस्‍थान की ओर से कम्‍प्‍यूटर के साथ पुस्‍तकें, अलमारी और टेबल आदि भी संस्‍कृत विद्यालयों को दी गई हैं. इसके अलावा प्रदेश सरकार ने आम बजट के दौरान प्रदेश के 200 से अधिक गुरुकुल पद्धति के संस्‍कृत विद्यालयों के 4 हजार से अधिक छात्रों को नि:शुल्‍क भोजन व छात्रावास की सुविधा देने का फैसला भी किया है.