UP: अब लखनऊ में होगा सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल का उत्पादन

By Tatkaal Khabar / 24-08-2021 01:50:16 am | 9752 Views | 0 Comments
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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) से मंगलवार को उनके सरकारी आवास पर ब्रह्मोस एरोस्पेस (Brahmos Aerospace) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबन्ध निदेशक डॉ सुधीर कुमार मिश्रा ने भेंट की. उन्होंने मुख्यमंत्री को ब्रह्मोस परियोजना की वर्तमान गतिविधियों की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर (UP Defense Industrial Corridor) के तहत लखनऊ (Lucknow) में ब्रह्मोस के नेक्स्ट जेनरेशन मिसाइल के उत्पादन की योजना है.

मुख्यमंत्री ने डीआरडीओ, रक्षा मंत्रालय की इस पहल का स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के प्रति आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार इस परियोजना के लिए लखनऊ में आवश्यक भूमि सहित अन्य सभी सुविधाएं उपलब्ध कराएगी.

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव गृह एवं यूपीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अवनीश कुमार अवस्थी, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना संजय प्रसाद तथा जिलाधिकारी लखनऊ अभिषेक प्रकाश उपस्थित थे.

बता दें ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल को डीआरडीओ, भारत सरकार और एनपीओएम, रूस सरकार के संयुक्त उपक्रम ब्रह्मोस एरोस्पेस द्वारा परिकल्पित, विकसित एवं उत्पादित किया जा रहा है. वर्तमान में भारतीय थल, जल एवं वायु सेना द्वारा इसका उपयोग किया जा रहा है. ब्रह्मोस के नेक्स्ट जेनरेशन मिसाइल के उत्पादन के लिए लगभग 200 एकड़ भूमि की आवश्यकता होगी. इस परियोजना को पूर्ण करने के लिए लगभग 300 करोड़ रुपये की धनराशि निवेशित की जाएगी.


भूमि उपलब्ध होने के बाद 3 माह के अन्दर सिविल निर्माण कार्य प्रारम्भ कर दिया जाएगा. इस परियोजना के माध्यम से लगभग 500 अभियन्ताओं एवं तकनीशियनों को प्रत्यक्ष रूप से तथा 5,000 लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्राप्त होगा. ब्रह्मोस के नेक्स्ट जेनरेशन मिसाइल के उत्पादन की योजना के लिए एन्सिलरी यूनिट्स भी स्थापित होंगी. इनके माध्यम से लगभग 10,000 लोगों को रोजगार मिलेगा.

सरकार को उम्मीद है कि लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल का निर्माण होने से उत्तर प्रदेश देश का एरोस्पेस और डिफेंस हब बनने की ओर तेजी से अग्रसर होगा. मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में लखनऊ वैश्विक मानचित्र पर स्थापित होगा. इस परियोजना से डिफेंस कॉरिडोर को गति मिलेगी. ब्रह्मोस मिसाइल के विभिन्न सिस्टम और सब-सिस्टम के निर्माण से जुड़ी 200 से अधिक औद्योगिक इकाइयां भी परियोजना के पास ही अपनी उत्पादन इकाइयां स्थापित करने की ओर अग्रसर होंगी.