विश्वविद्यालय वैश्विक मंच पर एक सम्मानजनक स्थान दिलाएगा: मुख्यमंत्री योगी

By Tatkaal Khabar / 28-08-2021 03:55:48 am | 12910 Views | 0 Comments
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लखनऊ: 28 अगस्त, 2021

     भारत के राष्ट्रपति  राम नाथ कोविन्द  ने आज जनपद गोरखपुर में विकास खण्ड भटहट के पिपरी गांव में महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय का भूमि पूजन एवं शिलान्यास किया। इस अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति जी ने कहा कि महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय के शिलान्यास कार्यक्रम के दौरान भगवान इंद्रदेव भी अपना आशीर्वाद देने के लिए हमारे बीच पधारे हैं। उन्होंने कहा कि शास्त्रों में मान्यता है कि शुभ कार्य संपन्न होने के दौरान यदि आकाश से पानी की बूंदे गिरने लगें, तो कहा जाता है कि कार्य शुभ से अत्युत्तम शुभम हो गया।
    राष्ट्रपति  ने योग के माध्यम से सामाजिक जागरण की अलख जगाने वाले गुरु गोरखनाथ के कथन का उल्लेख करते हुये कहा कि ’यद् सुखम् तद् स्वर्गम्, यद् दुःखम् तद् नरकम्’ अर्थात जो सुख है वही स्वर्ग है, और जो दुख है, वही नरक है। उन्होंने कहा कि वैदिक काल से ही आरोग्य होने पर विशेष बल दिया जाता है। वेद, पुराण, उपनिषद और प्राचीन ग्रंथों में भी आरोग्य की महत्ता के बारे में वर्णन है। उन्होंने कहा कि ‘शरीरमाद्यं खलुु धर्म साधनम्’ अर्थात शरीर ही समस्त कर्तव्यों को पूरा करने का प्रथम साधन है, इसलिए शरीर को स्वस्थ रखना बेहद आवश्यक है। शरीर निरोगी एवं स्वस्थ रहे, इसी उद्देश्य को सफल बनाने के लिए आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना की जा रही है। राष्ट्रपति जी ने कहा कि शिलान्यास कार्य करते हुए बेहद प्रसन्नता का अनुभव हो रहा है।


मुख्यमंत्री योगी  ने कहा कि डेढ़ वर्ष पूर्व पूरी दुनिया कोरोना महामारी से त्रस्त थी और उस दौरान दुनिया का कोई भी देश ऐसा नहीं होगा, जिसने इस महामारी से लड़ने के लिए अपनीे प्रतिरोधक क्षमता को विकसित करने हेतु भारत की इन परम्परागत चिकित्सा पद्धतियों का अनुसरण न किया हो। उन्होंने कहा कि आज विदेशों में लोग हल्दी का पानी पीने के लिए लाइन में खड़े रहते हैं, लेकिन हमारे यहां हर भोजन में हल्दी का सेवन प्राचीनकाल से होता है। प्रधानमंत्री जी की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने संयुक्त राष्ट्र संघ के मंच से परंपरागत विधा को वैश्विक मंच पर ले जाने का कार्य किया।
मुख्यमंत्री  ने कहा कि उ0प्र0 के अन्दर इससे पहले राज्य में जितने मेडिकल कॉलेज थे, अलग-अलग विश्वविद्यालयों से जुड़े हुए थे। उनका सत्र नियमित नहीं था, उनके पाठ्यक्रम में अन्तर दिखाई देता था। लेकिन राज्य सरकार ने वर्ष 2019 में प्रधानमंत्री मोदी  के कर-कमलों द्वारा प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पूर्व प्रधानमंत्री स्व0 श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के नाम पर मेडिकल युनिवर्सिटी का शिलान्यास किया। जिसने प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों को इस युनिवर्सिटी से सम्बद्धता प्रदान करते हुए एकरूपता लाने का कार्य किया है।
मुख्यमंत्री योगी  ने कहा कि प्रदेश सरकार के पास टेक्निकल एजुकेशन से जुड़ा हुआ विश्वविद्यालय है, जो इंजीनियरिंग कॉलेजों को एक मंच, एक सूत्र के साथ जोड़ने के लिए डॉ0 ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय, उ0प्र0 के रूप में कार्य कर रहा है। लेकिन हमारी परम्परागत चिकित्सा पद्धति के लिए कोई एक ऐसा मंच नहीं दिख रहा था, इसलिए उ0प्र0 के अन्दर आयुष विश्वविद्यालय बनाने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि उ0प्र0 के अन्दर 94 आयुष महाविद्यालय हैं, जिसमें लगभग 67 आयुर्वेद के, 12 होम्योपैथी, 15 यूनानी चिकित्सा के महाविद्यालय हैं। जिसमें 7500 स्नातक स्तर पर और 525 सीटें अभी परास्नातक स्तर पर हैं। इन सबको सम्बद्ध करने के लिए आयुष विश्वविद्यालय यहां पर कार्य करना प्रारम्भ करेगा, जिससे हमें अपने शैक्षिक सत्र को उत्तर प्रदेश के अन्दर एक पाठ्यक्रम के साथ, एक साथ संचालित करने में सफलता प्राप्त होगी। उ0प्र0 के अन्दर आयुष के विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य होगा।
मुख्यमंत्री  ने कहा कि महायोगी गुरु गोरखनाथ योग के व्यावहारिक स्वरूप  एवं  कई आसनों यथा गोरख आसन, मत्स्येंद्रासन तथा आयुर्वेद के रस शास्त्र के जनक हैं। उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय की स्थापना ग्रामीण क्षेत्र में की गई है, जो कि आजादी के बाद विकास से कोसों दूर थे। विश्वविद्यालय को गांव के द्वार तक पहुंचाने का मतलब है कि विकास लोगों तक पहुंच रहा है। उन्होंने कहा कि समयबद्ध ढंग से इस विश्वविद्यालय के निर्माण कार्य को पूरा किया जायेगा। विश्वविद्यालय वैश्विक मंच पर एक सम्मानजनक स्थान दिलाएगा।
इस अवसर पर आयुष मंत्री  धर्म सिंह सैनी ने कहा कि यह उनके लिए हर्ष और गौरव की बात है कि महामहिम राष्ट्रपति  द्वारा इस विश्वविद्यालय का शिलान्यास हो रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री  की भी इस संदर्भ में विशेष रुचि रही है। उन्होंने बताया कि 70 एकड़ क्षेत्रफल मे बन रहे इस विश्वविद्यालय की लागत लगभग 300 करोड़ रुपए है एवं यह विश्वविद्यालय 03 वर्ष में बनकर तैयार हो जाएगा।