'भीख में मिली आजादी' वाले बयान पर कंगना अड़ीं, कहा-'झूठ साबित हुआ तो लौटा दूंगी पद्मश्री'

फिल्म अभिनेत्री अपने 'भीख में मिली आजादी' वाले बयान पर अभी भी कायम हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि अगर उनकी बात झूठी साबित होती है तो वह उन्हें मिले पद्मश्री सम्मान को भी वापस कर देंगी।
कंगना ने अपने बचाव में जो तर्क दिया है, वह और भी चौंकाने वाला है। कंगना ने कहा कि इंस्टाग्राम स्टोरीज पर एक किताब के कुछ अंश साझा किए हैं। इस किताब का नाम ‘जस्ट टू सेट द रिकॉर्ड्स स्ट्रेट’ है। कंगना ने लिखा है कि 1857 में आजादी की लड़ाई लड़ी गई थी। इसमें सुभाष चंद्र बोस, रानी लक्ष्मीबाई और वीर सावरकर ने हिस्सा लिया था। लेकिन 1947 में आजादी के लिए कौन सा युद्ध लड़ा गया था? मुझे तो इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। अगर कोई मुझे इस बारे में जानकारी दे दे तो मैं माफी तो मांगूंगी ही, साथ ही पद्मश्री भी लौटा दूंगी।
बता दें कि पद्मश्री मिलने के एक दिन बाद ही कंगना ने विवादास्पद बयान दिया था। फिल्म अभिनेत्री ने कहा था कि असली आजादी तो 2014 में मोदी सरकार के आने के बाद मिली है। 1947 में मिली आजादी तो भीख में मिली थी। इसके बाद देशभर में कंगना का विरोध हो रहा है।