रामानुजाचार्य सहस्राब्दी समारोह में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा ;‘न कभी रुकेगी, न थमेगी हमारी यात्रा’,
गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने मंगलवार को हैदराबाद में स्थित ‘स्टैच्यू ऑफ इक्वालिटी’ (Statue of Equality) का दर्शन किया. अमित शाह श्री रामानुजाचार्य सहस्राब्दी समारोह में हिस्सा लेने के लिए यहां पहुंचे थे. इस दौरान उनके साथ श्री चिन्ना जीयार स्वामी भी मौजूद रहे. अमित शाह ने चिन्ना जीयार स्वामी आश्रम में बने 108 दिव्यदेशम (मंदिर) के दर्शन भी किए. स्टैच्यू ऑफ इक्वालिटी दुनिया में बैठी अवस्था में सबसे ऊंची धातु की प्रतिमाओं में से एक है. गृह मंत्री अमित शाह ने इस दौरान लोगों को संबोधित किया. ऐसे में आइए उनके संबोधन से जुड़ी खास बातों को जाना जाए…
गृह मंत्री ने कहा कि रामानुजाचार्य के जीवन को और उनके संदेश को, सब जीव एक समान है, वेदों के मूल वाक्य को, उन्होंने समय की गर्त से बाहर निकाल कर अपने कार्यों से किसी के लिए भी कटु बोले बगैर अनेक परंपराओं को तोड़ते हुए समाज के बीच रखा.
अमित शाह ने कहा कि मैं स्टैच्यू ऑफ इक्वालिटी होकर आया हूं. इस प्रतिमा में कुछ ऐसा है, जिसकी वजह से इसे देखने से आत्मा को एक अद्भुत शांति और प्रसन्नता मिलती है.
गृह मंत्री ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा, यहां पर देश के सभी मतों के संप्रदाय के आचार्य बैठे हुए हैं. मुझे पूरा भरोसा है कि हमारी यात्रा न कभी रुकेगी, न थमेगी और फिर से एक बार दिग्विजयी होकर पूरे विश्व में ज्ञान का प्रचार और प्रसार करेगी.
अमित शाह ने कहा कि इस पवित्र भूमि पर स्मारक के साथ साथ वेदाभ्यास की भी व्यवस्था की गई है. यहां पर वेदों की 9 की 9 शाखाओं के अभ्यास किए जा रहे हैं.
अमित शाह ने कहा कि यहां मौजूद शाखाओं में अभ्यास करके विद्यार्थी यहां से निकलेंगे और पूरे देश में फैलकर जहां जहां जाएंगे, वहां वेद के ज्ञान की सुगंध और ज्योति को प्रज्ज्वलित करते जाएंगे.
गृह मंत्री ने कहा कि सभी प्रकार की पूजा व्यवस्था और पूजा पद्धति को भी समाहित और संरक्षित करने का काम यहां किया गया है। जातिगत भेदभाव को समाप्त करने का काम भी रामानुजाचार्य जी ने किया.
अमित शाह ने कहा कि रामानुजाचार्य ने समता का संदेश दिया. उन्होंने देश को समानता से जोड़ा. रामानुजाचार्य जी ने जातिगत भेदभाव को भी समाप्त करने का काम किया. स्वामी जी का प्रयास पूरा देश याद रखेगा. भाषा की समानता के लिए भी उन्होंने बहुत काम किया.
गृह मंत्री ने कहा कि रामानुजाचार्य ने समता का प्रचार प्रसार किया. उन्होंने बहुत सारी कुप्रथाओं को विनम्रता के साथ समाप्त करने का काम किया. यहां सभी प्रकार की पूजा व्यवस्था और पूजा पद्धति को भी समाहित और संरक्षित करने का काम किया गया है.