गोला गोकर्णनाथ उपचुनाव: योगी ने बड़ी जीत का किया था आह्वान, जनता ने सीएम की बात को दिया पूरा सम्मान भाजपा को 124810 और सपा को मिले 90512 वोट
लखनऊ, 6 नवंबर। योगी आदित्यनाथ, यानी उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए विश्वास का दूसरा नाम। 2017 में सत्तारूढ़ होने के बाद सीएम ने न सिर्फ विकास, समृद्धि व सुशासन लाया, बल्कि खुद ही जनता से अपनी सरकार के कार्यों की समय-समय पर जानकारी भी लेते रहे। नतीजा हुआ कि इतिहास बनाते हुए उत्तर प्रदेश में दोबारा भारतीय जनता पार्टी की सरकार योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 2022 में फिर सत्ता पर आसीन हुई। योगी आदित्यनाथ के कार्यों का ही प्रभाव रहा कि गोला गोकर्णनाथ विधानसभा उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी अमन गिरि ने सपा प्रत्याशी विनय तिवारी को 34298 के अंतर से पराजित कर यहां कमल का फूल खिलाया। दिवंगत विधायक अरविंद गिरि के पुत्र अमन को 124810 तथा सपा प्रत्याशी विनय तिवारी को 90512 वोट मिले। 223352 वोट में से अमन को 55.88 प्रतिशत मतदाताओं ने अपना समर्थन दिया। 2022 विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने यहां 29294 वोटों से जीत दर्ज की थी, जबकि उपचुनाव में यह आंकड़ा बढ़कर 34298 हो गया। सीएम ने गोला गोकर्णनाथ को बताई थी महत्वपूर्ण सीट अमन गिरि के पक्ष में जनसभा करने पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोला गोकर्णनाथ के लोगों से कहा था कि यह सीट हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण है। लखीमपुर खीरी में जनता ने सिर्फ भाजपा पर ही भरोसा जताया है। यहां सभी विधायक हमारे हैं। यहां का संपूर्ण विकास ही हमारा ध्येय है। जनता ने उपचुनाव में भी योगी का यह विश्वास टूटने नहीं दिया और अमन गिरि को बड़ी जीत दिलाकर लखनऊ भेजने का मार्ग प्रशस्त कर दिया। सीएम ने कहा था कि बाबा गोकर्णनाथ के मंदिर को काशी के तर्ज पर कॉरिडोर के रूप में दर्शनीय बनाने की योजना तो प्रारंभ हो गई। स्व. अरविंद गिरि इस सपने के साक्षी तो जरूर रहे, लेकिन उनका सपना हम पूरा करेंगे। हम लोग ही इसकी आधारशिला रखने आएंगे। छोटी काशी को वास्तविक रूप देंगे। आस्था के लिए संत के मुख से निकले यह वाक्य लखीमपुर की जनता ने सिर माथे पर लगा लिए। विधानसभा से अधिक वोटों से मिली उपचुनाव में जीत यह योगी आदित्यनाथ के कार्यों का ही परिणाम है कि उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी की जीत का अंतर विधानसभा चुनाव से अधिक रहा। 2022 में भाजपा ने 29294 वोटों से जीत दर्ज की थी, वहीं उपचुनाव में यह आंकड़ा बढ़कर 34298 हो गया। वहीं महज 9 महीने में सपा का जनाधार भी गिरा। 2022 में सपा प्रत्याशी को 97240 वोट मिले थे, जबकि उपचुनाव में घटकर 90512 वोट ही प्राप्त हुए।