यू पी निकाय चुनाव ;Mayawati ने बुलाई बड़ी बैठक, उम्मीदवारों के नाम का ऐलान संभव
(BSP) चीफ मायावती ने विश्वनाथ पाल को बसपा का यूपी का नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। उन्होंने ट्वीट कर इस बारे में जानकारी दी है। बता दें कि विश्वनाथ पाल अयोध्या मंडल के मुख्य सेक्टर प्रभारी रहे हैं। मायावती ने मंगलवार को ट्वीट किया, वर्तमान राजनीतिक हालात को देखते हुए बसपा यूपी स्टेट संगठन में किए गए परिवर्तन के तहत विश्वनाथ पाल, मूल निवासी जिला अयोध्या को बीएसपी यूपी स्टेट का नया प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने पर उन्हें हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।
लखनऊ: यूपी निकाय चुनाव (UP Civic Election) पर बहुजन समाज पार्टी (BSP) की रणनीति तय करने के लिए बीएसपी सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने 30 दिसंबर को प्रदेश कार्यालय पर एक बड़ी बैठक बुलाई है जिसमें प्रदेश स्तर के सभी बड़े नेताओं के साथ सभी मंडल कोऑर्डिनेटर, नए प्रदेश अध्यक्ष और सभी जिला अध्यक्ष मौजूद रहेंगे.
उम्मीदवारों के नाम की चर्चा संभव
जानकारी के अनुसार, कोर्ट के फैसले के बाद निकाय चुनाव को लेकर पार्टी की क्या रणनीति रहेगी? पार्टी मजबूती से चुनाव में कैसे उतरेगी? इन जैसे तमाम सवालों और मुद्दों पर इस बैठक में चर्चा की जाएगी और विचार विमर्श के बाद आगे की रणनीति तय की जाएगी. बताया जा रहा है कि इस बैठक के दौरान उम्मीदवारों के नाम पर भी चर्चा हो सकती है.
15 जनवरी को बसपा सुप्रीमो का जन्मदिन
यह दूसरी बार होगा जब बसपा सुप्रीमो बड़ी राज्य स्तरीय बैठक कर रही हैं. इस दौरान मायावती पार्टी में होने वाली गतिविधियों की समीक्षा भी करेंगी और 2023 और 2024 के आम चुनाव में होने वाले स्थानीय चुनावों के लिए आगे की राह दिखाएंगी. आपको बताते चलें कि वर्तमान में जिला स्तर पर सेक्टर व विधानसभा की बैठकें चल रही हैं, जिन्हें मंडल स्तरीय बैठक को संबोधित कर रहे हैं. वहीं 15 जनवरी को मायावती का जन्मदिन है, जिसे पार्टी कार्यकर्ता जनकल्याणकारी दिवस के रूप में मनाते हैं. ऐसा माना जा रहा है कि उनके जन्मदिन पर होने वाले कार्यक्रम की चर्चा भी बैठक में की जा सकती है.
बिना ओबीसी आरक्षण के होने हैं चुनाव
इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) के फैसले के अनुसार, इस बार राज्य में निकाय चुनाव बिना ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation) के होने हैं. कोर्ट ने कहा कि चुनाव में ओबीसी आरक्षण ट्रिपल टेस्ट के आधार पर दिया जाएगा. ट्रिपल टेस्ट के बिना कोई ओबीसी आरक्षण नहीं हो सकता है. यह निर्णय जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस सौरभ लवानिया की बेंच ने इस मुद्दे पर दाखिल 93 याचिकाओं पर एक साथ पारित करते हुए दिया है.