नहाते वक्त भूलकर भी न करें ये गलतियां, शुरू हो जाएगा दुर्भाग्य!

By Tatkaal Khabar / 23-02-2023 03:39:05 am | 7809 Views | 0 Comments
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हम अपनी शरीर की गंदगी साफ करने के लिए रोजाना नहाते हैं। स्वस्थ शरीर के लिए रोजाना नहाना जरूरी है। वहीं हिंदू धर्म शास्‍त्रों में स्‍नान को लेकर कुछ विशेष नियम बताए गए हैं। इन नियमों का पालन करना जरूरी है। पहले लोग खुले में, नदी में, तालाब में स्नान किया करते थे। अब लोग अपने बाथरूम में नहाते हैं। बाथरूम में स्नान करने के दौरान भी कुछ चीजों का ध्यान रखना जरूरी है। अगर इन बातों का ध्यान नहीं रखा गया तो आपको कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है और दुर्भाग्य भी शुरू हो जाएगा।

पुराणों में भी है जिक्र
पद्मपुराण में भी स्नान को लेकर नियम बताए गए हैं। पद्मपुराण के अनुसार, किसी भी परिस्थिति में पूर्ण निर्वस्त्र होकर स्‍नान नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से मनुष्य पाप का भागीदार बनता है। पद्मपुराण में इस संबंध में एक कथा भी बताई गई है। एक बार गोपियां स्‍नान करने नदी में उतरी तो श्रीकृष्ण ने उनके कपड़े छिपा दिए। गोपियां जब वस्‍त्र ढूंढ़ने लगी तो उन्हें नहीं मिले। कान्‍हाजी ने कहा कि वस्‍त्र पेड़ पर हैं आकर ले लो। तो गोपियां बोलीं कि जब वे स्‍नान करने आई थीं तो यहां पर कोई नहीं था। अब वे बिना वस्‍त्रों के जल से बाहर कैसे आएं। इस पर श्रीकृष्ण ने उन्हें कहा कि ऐसा तुम्हें लगता है कि यहां कोई नहीं था लेकिन मैं तो हर पल, हर जगह मौजूद होता हूं। आसमान में उड़ते पक्षियों, जमीन पर चलने वाले जीवों और जल में मौजूद जीवों ने भी तुम्हें निर्वस्त्र देखा। इतना ही नहीं, जल रूप में मौजूद वरुण देव ने भी तुम्हें देखा। यह उनका अपमान है। इससे आप पाप का भागी बनते हैं। इसी वजह है कि हमें पूर्ण निर्वस्त्र होकर स्‍नान नहीं करना चाहिए।


लग जाता है पितृ दोष
गरुड़पुराण में भी स्नान को लेकर नियम बताए गए हैं। गरुड़पुराण के अनुसार, जब आप स्‍नान कर रहे होते हैं तो रक्षक के रूप में आपके पितर आपके आस-पास मौजूद होते हैं। वे आपके वस्त्रों से गिरने वाले जल को ग्रहण करते हैं, जिनसे उनकी तृप्ति होती है। निर्वस्त्र स्नान करने से पितर अतृप्त होकर नाराज होते हैं, जिनसे व्यक्ति का तेज, बल, धन और सुख नष्ट हो जाता है और पितर दोष भी लगता है।

गंदा ना छोड़ें बाथरूम
वहीं नहाने के बाद कई लोग बाथरूम को गंदा ही छोड़ जाते हैं। ऐसा नहीं करना चाहिए क्योंकि ये आदत सबसे बुरी मानी गई है। कई लोग नहाने के बाद बाथरूम में गंदा पानी छोड़ देते हैं या बिना वजह पानी की बर्बादी करते हैं। इन दोनों ही बातों से वरुणदेव नाराज होते हैं। यह आदत ज्योतिष के नजरिए से दुर्भाग्य बढ़ाने वाली होती है।

चंद्रदेव के साथ लगता है राहु-केतु का दोष
ऐसा माना जाता है कि जो लोग बाथरूम को गंदा छोड़ते हैं उनको चंद्रदेव के साथ ही राहु-केतु का भी दोष लगता है। बता दें कि राहु-केतु छाया ग्रह हैं और दोनों हमेशा वक्री रहते हैं। ये ग्रह एक राशि में करीब 18 माह तक ठहरे रहते हैं। ऐसे में इन सभी की वजह से ही कालसर्प योग बनता है और राहु-केतु ऐसे ग्रह हैं, जिनकी वजह से किसी भी व्यक्ति की किस्मत रातोंरात बदलने में समय नहीं लगता है इसलिए नहाते समय बाथरूम की साफ सफाई का खास ध्यान रखें उसे गंदा न छोड़ें।