वैज्ञानिक ने इंसान की आत्मा का वजन मापने के लिए किया खतरनाक एक्सपेरिमेंट, सामने आई चौंकाने वाला सच !

By Tatkaal Khabar / 24-02-2023 03:41:38 am | 8913 Views | 0 Comments
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विज्ञान ने काफी तरक्की कर ली है। वैज्ञानिक तरह तरह-तरह के एक्सपेरिमेंट करते रहते हैं। वैज्ञानिक ज्यादातर पशु-पक्षियों पर ही प्रयोग करते हैं लेकिन कई बार वैज्ञानिक इंसानों पर भी कई तरह के प्रयोग कर चुके हैं। अमरीका के एक वैज्ञानिक ने इंसान की आत्मा का वजन कितना होता है, इस पर एक्सपेरिमेंट करना शुरू कर दिया था। इस दौरान उस वैज्ञानिक ने कई मरते हुए लोगों पर प्रयोग किया, जिससे कि आत्मा का वजन नापा जा सके। कई लोगों के वजन में बदलाव भी देखा गया। इससे वैज्ञानिकों ने पता लगाया कि क्‍या सच में आत्‍मा का अस्तित्‍व होता है या नहीं?

ऐसे इंसानों पर किया वैज्ञानिकों ने प्रयोग
अमरीका के एक वैज्ञानिक डॉक्‍टर मैकडोगल ने वर्ष 1907 में आत्‍मा का वजन नापने के लिए मृत लोगों पर प्रयोग किए। इस एक्सपेरिमेंट पर काम करने के लिए उन्‍होंने उन लोगों का वजन नापा, जिनकी कुछ ही देर में मृत्यु होने वाली थी। जिससे कि उनके मरने के तुरंत बाद एक बार फिर से उनका वजन नापा जाए और पता लगाया जाए कि उस दौरान क्‍या वजन कम हुआ है? इससे ही वे पता लगा लेते कि आत्‍मा के जाने के बाद मृत व्‍यक्ति के वजन में कितनी कमी आई है।

मरने के बाद इतने ग्राम वजन हुआ कम
डॉक्‍टर मैकडोगल ने पहले पेशेंट में पाया कि मरने के बाद उसका 21 ग्राम वजन कम हो गया था। वहीं दूसरे पेशेंट का वजन भी मरने के कुछ ही देर बाद कम हो गया था। लेकिन थोड़ी ही देर बाद उसका वजन फिर से पहले जैसा हो गया। वहीं दो और लोगों पर जब यह प्रयोग किया गया तो मरने के बाद उनके वजन में भी कमी देखी गई लेकिन थोड़ी देर बाद दोनों का वजन पहले से ज्‍यादा बढ़ गया। वहीं एक अन्य मरीज के मरने के एक मिनट के बाद उसका वजन 28 ग्राम कम हुआ।

इस वजह से कम हुआ वजन?
वैज्ञानिकों ने प्रयोगों के आधार पर बताया कि मरने के बाद शरीर में कई बदलाव होते है। उसी वजह से बॉडी में वजन भी कम ज्‍यादा होता है। जैसे ब्लड क्लॉटिंग, फेफड़ों से आखिरी सांस का बाहर आना, केमिकल रिएक्शन की वजह से गैसों का शरीर छोड़ना। बाद में जब सरकार को इन प्रयोगों के बारे में पता चला तो सरकार ने ऐसे प्रयोगों पर प्रतिबंध लगा दिया।