हमारे सौर मंडल का सबसे प्यारा ग्रह "बृहस्पति" आइए जानें कुछ रोचक बातें

By Tatkaal Khabar / 20-04-2023 02:38:01 am | 6618 Views | 0 Comments
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बृहस्पति ग्रह सूर्य से 5वां और हमारे सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह है। इसे गैस का दानव भी कहते हैं। पीले रंग के इस ग्रह को अंग्रेजी में ज्यूपिटर भी कहते हैं। बृहस्पति ग्रह अनेक नकारात्मक परिस्थिति को सकारात्मक बना देता है। जैसे शादी नहीं हो रही हो, नौकरी व्यवसाय में सफलता नहीं मिल रही हो, मुकदमे में विजय नहीं मिल रही हो। कोई बीमारी ठीक नहीं हो रही हो, घर ,प्रॉपर्टी,गाड़ी इत्यादि-इत्यादि काम में सफलता नहीं मिल रही हो,तलाक की स्थिति बन रही हो। यदि इन पर बृहस्पति देव की दृष्टि हो जाए तो आपका काम तुरंत होता है। पढ़ें 20 महत्वपूर्ण जानकारियां....    12. बृहस्पति हमारी आकाश गंगा का सबसे बड़ा ग्रह है, यह इतना बड़ा है कि यदि शेष सभी ग्रह को आपस में जोड़ दिया जाए तो वह संयुक्त ग्रह भी बृहस्पति से छोटा ही रहेगा।    13. अगर धरती का आकार एक मटर जितना कर दें तो बृहस्पति इससे 300 मीटर दूर होगा।    14. बृहस्पति ग्रह पर एक विशाल गड्ढा है जिसमें से आग की लपटे निकलती रहती है जिसमें यह विशाल लाल धब्बे जैसा दिखाई देता है।    15. बृहस्पति पर पाए जाने वाला लाल धब्बा दरअसल एक बड़ा तूफान है जो कम से कम 350 सालों से उफान पर हैं। ये तूफान इतना ज्‍यादा बड़ा है कि इसमें तीन पृथ्‍वी समा सकती हैं।    16. सोलर सिस्‍टम का चौथा सबसे ज्‍यादा चमकने वाला ग्रह है। इसके अलावा जो अन्‍य ग्रह चमकते हैं वह सूर्य, चंद्र और शुक्र।     17. बृहस्पति पर सभी ग्रहों के मुकाबले सबसे छोटा दिन होता है। ये अपनी धुरी पर हर 9 घंटे 55 मिनट में घूमता है। जल्‍दी-जल्‍दी घूमने के चक्‍कर में ये थोड़ा चपटा नजर आता है।    18. बृहस्पति ग्रह को देखने के लिए किसी यंत्र की जरूरत नही होती। इसे खुली आंखो से देखा जा सकता है।    19- बृहस्पति गृह को कुंडली में अनुकूल करने का सटीक तरीका यह है :         यदि आपकी कुंडली में बृहस्पति प्रतिकूल प्रभाव दे रहे हैं तो आप को तुलसी की माला से निम्न मंत्र का जाप कुल 88000 जाप बृहस्पति के नक्षत्र में किसी सक्षम ब्राह्मण से करा कर अग्निवास में हवन कराएं। लाभप्रद सिद्ध होगा। मंत्र निम्नवत है -    ॐ ऐ क्लीं बृहस्पतये नमः  या   ॐ क्रीं कृष्णाय नमः             20- बृहस्पति को अनुकूल बनाने का दूसरा आसान तरीका है बृहस्पति के नक्षत्र में 'विष्णु सहस्त्रनाम' के 108 पाठ कराएं।