बच्चों में ये लक्षण दिखते ही तुरंत हो जाएं सतर्क, डिप्रेशन के हो सकते हैं संकेत
शारीरिक सेहत के साथ मानसिक सेहत का ध्यान रखना भी बहुत जरूरी है। बता दें कि आजकल बच्चों में भी मानसिक तनाव बढ़ता जा रहा है। कई बच्चे तो मानसिक तनाव में आकर सुसाइड तक कर लेते हैं। आज भी अक्सर लोग अपनी मेंटल हेल्थ पर ध्यान नहीं देते। इस कारण से यह समस्या और गंभीर हो सकती है।
बदलते हार्मोन्स और टीनएजर
बता दें कि मानसिक सेहत की समस्या सिर्फ बड़ों में ही नहीं बल्कि टीनएजर्स में भी हो सकती है। बता दें कि टीनएजर बच्चे बदलते हार्मोन्स के कारण वे पहले ही कई बदलावों से गुजर रहे होते हैं, उस पर मेंटल हेल्थ की समस्या उनके जीवन को और कठिन बना सकती है। इन मेंटल हेल्थ की परेशानियों में डिप्रेशन की समस्या होने की संभावना काफी अधिक हो सकती है। हम आपको कुछ ऐसे लक्षण बता रहे हैं, जिनसे आप जान सकते हैं कि कहीं आपका बच्चा भी तो किसी मानसिक तनाव से नहीं गुजर रहा है।
टीनएजर्स में डिप्रेशन के लक्षण
—बिना किसी कारण के रोना या दुखी होना।
—छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा आना।
—आत्मविश्वास की कमी।
—चीजों को या बातों को याद न रख पाना।
—सोचने में तकलीफ होना या फोकस न कर पाना।
—असफलता को लेकर सेंसिटिव होना।
—थकावट।
—ड्रग्स या शराब का सेवन।
—नींद न आना या बहुत अधिक नींद आना।
—भूख न लगना।
—आत्महत्या के विचार।
—स्कूल में खराब परफॉर्मेंस।
—अकेलापन।
ऐसे करें बच्चों की मदद
अगर आपको बच्चे में मानसिक तनाव या डिप्रेशन के लक्षण नजर आते हैं तो उसे डॉक्टर से मिलवाएं। डॉक्टर इनके लक्षणों को बेहतर तरीके से पहचान सकते हैं और उस हिसाब से उसका इलाज किया जा सकेगा। इसके अलावा आप अपने बच्चे के पास बैठे और उससे बातें करें। बता दें कि अक्सर हम अपने बच्चों की बात को सुनने के बजाय, उन्हें सलाह देने लगते हैं। इस कारण से आपके बच्चे को यह लग सकता है कि आप उन्हें समझ नहीं पा रहे हैं। इसलिए वे आपसे बात शेयर करना बंद करने लगते हैं। कोशिश करें कि ध्यान से उनकी बात सुनें। इससे उन्हें यह लगेगा कि उनके साथ कोई है, जिससे वे खुल कर बात कर सकते हैं। कई बार बात करने से समस्या का हल मिल सकता है।
परेशानी पूछे
आप अपने बच्चे से प्यार से बात करते हुए उसकी समस्या जानने की कोशिश करें। उनसे शांति से पूछें कि क्यों वे अपने दोस्तों के साथ वक्त नहीं बिता रहे या स्कूल में कोई परेशानी है क्या। इस तरह के सवालों से उनके मन में चल रही बातों को जानने की कोशिश करें। इस तरह आप उनके बदले बर्ताव के पीछे के कारण को बेहतर तरीके से समझ पाएंगे।