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कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के रेप और हत्या (Kolkata Rape And Murder) मामले में सीबीआई ने आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल डॉ संदीप घोष के पॉलीग्राफी टेस्ट की मांग की है. गुरुवार को सीबीआई संदीप घोष के अलावा 4 अन्य ट्रेनी डॉक्टर्स को लेकर कोर्ट पहुंची जिन्होंने मृतका के साथ आखिरी बार डिनर किया था. इससे पहले सीबीआई ने बुधवार को संदीप घोष से 13 घंटे तक पूछताछ की. अब तक कुल 77 घंटे की पूछताछ हो चुकी है. लेकिन कई सवालों के जवाब मिलना बाकी हैं. पॉलीग्राफ टेस्ट के माध्यम से सीबीआई उन सवालों के जवाब तलाशने की कोशिश कर रही है, जिनमें अब तक की जांच में अस्पष्टता रही है.
सीबीआई ने मामले में आरोपी संजय रॉय के पॉलीग्राफ टेस्ट की अनुमति भी अदालत से प्राप्त कर ली है. अब सीबीआई अन्य संदिग्धों, जिनमें संदीप घोष भी शामिल हैं, पर भी इसी टेस्ट की अनुमति चाहती है. जांच एजेंसी ये भी पता लगाने की कोशिश में जुटी है कि वारदात के समय क्या संजय रॉय के साथ कोई और भी मौजूद था, इस टेस्ट के बाद ये राज बाहर आ सकता है.
संदीप घोष पर शक क्यों?
सीबीआई ने इस मामले में पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष से कई बार पूछताछ की है. जांच के दौरान घोष के जवाबों में कुछ विसंगतियां पाई गई हैं, जिसके कारण सीबीआई ने अब उनके पॉलीग्राफी टेस्ट यानी लाई-डिटेक्शन टेस्ट कराने का निर्णय लिया है. एक सीबीआई अधिकारी के अनुसार, "हमें घोष के जवाबों में कुछ असंगतियां मिली हैं, इसलिए हम उनके पॉलीग्राफ टेस्ट का विकल्प विचार कर रहे हैं."
सीबीआई ने घोष से यह भी पूछा है कि जब उन्हें डॉक्टर की मौत की खबर मिली, तब उन्होंने क्या कदम उठाए और क्यों उन्होंने कथित तौर पर डॉक्टर के माता-पिता को तीन घंटे तक इंतजार करवाया. इसके अलावा, सीबीआई ने सेमिनार हॉल के पास के कमरों के रेनोवेशन के बारे में भी पूछताछ की है, जो इस घटना के तुरंत बाद हुआ था.
क्या है मामला?
इस केस की शुरुआत तब हुई जब 9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के सेमिनार हॉल में एक पोस्टग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टर का शव मिला. शव पर गंभीर चोटों के निशान थे.