JMM से पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने इस्तीफा दिया, 30 अगस्त को बीजेपी में होंगे शामिल

By Tatkaal Khabar / 28-08-2024 04:05:00 am | 2623 Views | 0 Comments
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Champai Soren News: झारखंड की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ आ गया है। झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। इस निर्णय की घोषणा उन्होंने सोशल मीडिया पर की, जहां उन्होंने कहा, "आज झारखंड मुक्ति मोर्चा की प्राथमिक सदस्यता एवं सभी पदों से त्याग-पत्र दिया। झारखंड के आदिवासियों, मूलवासियों, दलितों, पिछड़ों एवं आम लोगों के मुद्दों को लेकर हमारा संघर्ष जारी रहेगा।"
आंदोलन से भाजपा की ओर: चंपई सोरेन की नई दिशा
चंपई सोरेन का इस्तीफा एक ऐसे समय पर आया है जब झारखंड की राजनीतिक स्थिति गहराई से प्रभावित हो रही है। हाल ही में, सोरेन ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने का फैसला गहराई से विचार के बाद किया है। उनका कहना है कि यह कदम झारखंड के हित में सही दिशा में उठाया गया है।
नई दिल्ली में बैठकें और भाजपा में शामिल होने की प्रक्रिया

सोरेन की भाजपा में शामिल होने की प्रक्रिया में तेजी आई जब उन्होंने 26 अगस्त की रात को असम के मुख्यमंत्री और झारखंड भाजपा के चुनाव सह-प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा के साथ नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। इस मुलाकात में सोरेन के भाजपा में शामिल होने पर सहमति बनी। इसके बाद 27 अगस्त को उन्होंने केंद्रीय कृषि मंत्री और झारखंड भाजपा के प्रभारी शिवराज सिंह चौहान से भी बैठक की, जो उनके भाजपा में औपचारिक रूप से शामिल होने की दिशा में एक और कदम था।
JMM में अपमान और भावी राजनीति की राह
सोरेन का इस्तीफा केवल एक राजनीतिक बदलाव नहीं है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि उन्हें JMM में अपमान का सामना करना पड़ा। उन्होंने 18 अगस्त को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के माध्यम से यह स्पष्ट किया कि झामुमो में उनका अपमान हुआ है और मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने का तरीका उन्हें आहत करता है।
अब, सोरेन 30 अगस्त को रांची में एक बड़े कार्यक्रम के माध्यम से भाजपा में औपचारिक रूप से शामिल होंगे। इस कार्यक्रम में उनके पुत्र बाबूलाल सोरेन भी पार्टी की सदस्यता लेंगे, जिससे भाजपा में उनके परिवार की भी एंट्री हो जाएगी। यह राजनीतिक कदम झारखंड की राजनीति में नई ताकत और संभावनाओं को जन्म दे सकता है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि आगामी दिनों में चंपई सोरेन और उनके पुत्र की भूमिका भाजपा में कैसे आकार लेती है।