Assembly Election 2024 / मायावती का बड़ा ऐलान, BSP अकेले लड़ेगी महाराष्ट्र, झारखंड और यूपी में चुनाव
Assembly Election 2024: चुनाव आयोग ने मंगलवार को महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया। महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों के लिए एक चरण में मतदान होगा, जबकि झारखंड की 81 विधानसभा सीटों के लिए दो चरणों में वोटिंग होगी। इसके साथ ही, चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश समेत विभिन्न राज्यों में विधानसभा और लोकसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव की तारीखों की भी घोषणा की। इस घोषणा के तुरंत बाद बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा कि बसपा महाराष्ट्र, झारखंड और उत्तर प्रदेश में अकेले चुनाव लड़ेगी।
चुनाव का शेड्यूल
महाराष्ट्र में 20 नवंबर को मतदान होगा और 23 नवंबर को वोटों की गिनती की जाएगी। झारखंड में चुनाव दो चरणों में होगा—पहला चरण 13 नवंबर को और दूसरा चरण 20 नवंबर को। झारखंड के नतीजे भी 23 नवंबर को ही घोषित किए जाएंगे। इसके अलावा, उत्तर प्रदेश में 9 विधानसभा सीटों के लिए 13 नवंबर को उपचुनाव होंगे। उत्तराखंड के केदारनाथ क्षेत्र में 20 नवंबर को विधानसभा उपचुनाव होंगे, जिनके नतीजे भी 23 नवंबर को आएंगे।
मायावती की बड़ी घोषणा
चुनाव आयोग की घोषणा के बाद बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने कहा कि उनकी पार्टी महाराष्ट्र और झारखंड में अकेले चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कहा कि बसपा का उद्देश्य है कि उसके समर्थक पार्टी के सिद्धांतों और बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के स्वाभिमान के साथ जुड़ें। मायावती ने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनावों में भी अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ेगी। बसपा प्रमुख ने अपने समर्थकों से अपील की कि वे पूरी ताकत से चुनावी तैयारी करें और किसी भी प्रकार के भटकाव से दूर रहें।
धनबल और बाहुबल से मुक्त चुनाव की मांग
मायावती ने चुनाव आयोग की तारीखों की घोषणा का स्वागत करते हुए कहा कि चुनाव जितने निष्पक्ष और भ्रष्टाचार मुक्त होंगे, उतना ही लोकतंत्र के लिए बेहतर होगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि चुनावों को धनबल और बाहुबल के प्रभाव से मुक्त रखा जाना चाहिए, और इसके लिए पूरी जिम्मेदारी चुनाव आयोग की है। मायावती ने अपनी पार्टी की चुनावी तैयारियों का जिक्र करते हुए कहा कि बसपा अपने मिशन को आगे बढ़ाने के लिए दृढ़ है और चुनावी मैदान में पूरी ताकत से उतरेगी।
बसपा की चुनावी रणनीति
बसपा प्रमुख की इस घोषणा से यह साफ हो गया है कि उनकी पार्टी किसी भी गठबंधन का हिस्सा नहीं बनेगी और अपने दम पर चुनाव लड़ेगी। मायावती का यह कदम बसपा के समर्थकों को संगठित रखने और पार्टी के सिद्धांतों पर आधारित एक मजबूत चुनावी अभियान चलाने की दिशा में उठाया गया है।
इस प्रकार, बसपा की रणनीति इस चुनावी मौसम में अकेले अपने सिद्धांतों पर चलते हुए चुनाव मैदान में उतरने की है। मायावती की यह घोषणा महाराष्ट्र, झारखंड और उत्तर प्रदेश के आगामी चुनावों में पार्टी की भूमिका को स्पष्ट रूप से दर्शाती है।