Central Government / ब्रेस्ट और लंग कैंसर की जरूरी दवाएं होंगी सस्ती, सरकार का बड़ा फैसला

By Tatkaal Khabar / 29-10-2024 02:22:30 am | 3945 Views | 0 Comments
#

Central Government: दिवाली के अवसर पर सरकार ने कैंसर के मरीजों को बड़ी राहत प्रदान की है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आदेश के अनुसार, कैंसर के इलाज में उपयोग होने वाली तीन प्रमुख दवाओं की अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) में कमी की जाएगी। इस निर्णय का उद्देश्य देश में आवश्यक दवाओं की कीमतों को नियंत्रित रखना और मरीजों को सस्ती दवाएं उपलब्ध कराना है।
दवाओं की कीमतों का नियंत्रण
देश में आवश्यक दवाओं की कीमतों को नियंत्रित करने का कार्य राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (NPPA) करता है। हाल ही में एनपीपीए ने कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होने वाली तीन दवाओं - ट्रैस्टुजुमाब, ओसिमर्टिनिब, और डुर्वालुमाब की एमआरपी को कम करने का निर्देश दिया है।
ट्रैस्टुजुमाब: यह दवा विशेष रूप से ब्रेस्ट कैंसर के इलाज में उपयोग होती है।
ओसिमर्टिनिब: इस दवा का उपयोग फेफड़ों के कैंसर के इलाज में किया जाता है।
डुर्वालुमाब: यह दवा विभिन्न प्रकार के कैंसर के इलाज में प्रभावी मानी जाती है।
सरकार की प्रतिबद्धता
सरकार ने इन दवाओं की कीमतों में कमी करते हुए यह सुनिश्चित किया है कि आम लोगों को जरूरी दवाएं किफायती दाम पर मिलती रहें। एनपीपीए ने दवाओं की अधिकतम कीमत को कम करने का आदेश दिया है। इसके अलावा, हाल ही में इन दवाओं पर जीएसटी की दर को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत किया गया है, और केंद्रीय बजट 2024-25 में इन दवाओं पर कस्टम ड्यूटी को समाप्त करने का ऐलान भी किया गया था।
सरकार का कहना है कि करों में कटौती का असर दवाओं की कीमतों पर स्पष्ट रूप से दिखना चाहिए। इसी क्रम में, वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग ने इस साल 23 जुलाई को एक अधिसूचना जारी कर इन तीन दवाओं पर सीमा शुल्क को शून्य कर दिया था।
नई कीमतों का प्रभाव
नई एमआरपी 10 अक्टूबर 2024 से लागू हो गई है। कंपनियों को इस नई एमआरपी को लागू करने और संबंधित जानकारी - जैसे कि मूल्य परिवर्तन की जानकारी - डीलरों, राज्य औषधि नियंत्रकों और सरकार को देने का निर्देश दिया गया है।
कैंसर के मरीजों की बढ़ती संख्या
भारत में कैंसर के मरीजों की संख्या 14 लाख से भी अधिक हो चुकी है, और हर साल इसके मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। लान्सेट के एक अध्ययन के अनुसार, 2020 में कैंसर के मरीजों की संख्या 13.9 लाख थी, जो 2021 में 14.2 लाख और 2022 में 14.6 लाख तक पहुँच गई।