Border-Gavaskar Trophy / बदलने वाला है BGT का इतिहास, पहली बार होगा ऐसा

By Tatkaal Khabar / 21-11-2024 01:55:25 am | 1162 Views | 0 Comments
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Border-Gavaskar Trophy: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बहुप्रतीक्षित बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। 22 नवंबर से पर्थ के ऑप्टस स्टेडियम में इस प्रतिष्ठित सीरीज का आगाज़ होगा। इस बार सीरीज का पहला मुकाबला क्रिकेट इतिहास में एक नई कहानी लिखने जा रहा है। दोनों टीमों की कप्तानी तेज गेंदबाजों के हाथों में होगी—भारत की कमान जसप्रीत बुमराह संभालेंगे, जबकि ऑस्ट्रेलिया का नेतृत्व पैट कमिंस करेंगे।
तेज गेंदबाजों की कप्तानी का अनूठा रिकॉर्ड
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के इतिहास में यह पहली बार होगा जब दोनों ओर से तेज गेंदबाज कप्तानी करते हुए दिखेंगे। यह नजारा न केवल इस ट्रॉफी बल्कि टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में भी दुर्लभ है। इससे पहले इस साल केवल एक बार ऐसा हुआ था, जब क्राइस्टचर्च में पैट कमिंस और टिम साउदी ने अपनी-अपनी टीमों का नेतृत्व किया था।
जसप्रीत बुमराह के लिए यह कप्तानी का दूसरा मौका होगा। उन्होंने पहली बार 2022 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैच में टीम इंडिया की कमान संभाली थी। हालांकि, वह मैच भारत हार गया था। इस बार बुमराह के पास खुद को कप्तान के रूप में साबित करने का बेहतरीन मौका होगा। वहीं, पैट कमिंस अपने 28 टेस्ट मैचों के कप्तानी अनुभव के साथ मजबूत स्थिति में हैं।
दोनों कप्तानों का प्रदर्शन और चुनौतियां
जसप्रीत बुमराह ने अब तक 40 टेस्ट मैचों में 173 विकेट लिए हैं और उनकी गेंदबाजी भारतीय टीम के लिए सबसे बड़ी ताकत रही है। दूसरी ओर, पैट कमिंस ने 62 टेस्ट मैचों में 269 विकेट चटकाए हैं। कप्तान के रूप में उनका रिकॉर्ड शानदार रहा है, जिसमें 17 जीत, 6 हार और 5 ड्रॉ शामिल हैं।
हालांकि, कप्तानी करना केवल अनुभव का खेल नहीं है। यह मानसिक दृढ़ता, रणनीतिक कौशल और टीम को एकजुट रखने की कला पर भी निर्भर करता है। जसप्रीत बुमराह और पैट कमिंस दोनों ही इस चुनौती के लिए तैयार दिख रहे हैं।
सीरीज का महत्व
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 1996 से शुरू हुई थी और तब से यह दोनों देशों के बीच प्रतिस्पर्धा का सबसे बड़ा मंच बन गई है। इस सीरीज में अक्सर ऐसे पल आते हैं जो क्रिकेट प्रेमियों की स्मृतियों में अमिट छाप छोड़ जाते हैं।
इस बार की सीरीज खास है क्योंकि भारत और ऑस्ट्रेलिया टेस्ट रैंकिंग में शीर्ष स्थान पर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए भिड़ेंगे। दोनों टीमें न केवल अपनी जीत का सिलसिला बनाए रखना चाहेंगी, बल्कि आगामी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल के लिए अपनी स्थिति भी बेहतर करेंगी।
टॉस पर सबकी नजर
जैसे ही जसप्रीत बुमराह और पैट कमिंस टॉस के लिए उतरेंगे, यह क्षण इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जाएगा। यह दर्शाएगा कि क्रिकेट की दुनिया में तेज गेंदबाज अब केवल गेंदबाजी के लिए नहीं, बल्कि नेतृत्व के लिए भी जाने जाते हैं।