Earthquake In Tibet / तिब्बत में भूकंप ने मचाई तबाही, 9 लोगों की मौत, नेपाल हिला, भारत में भी असर

By Tatkaal Khabar / 07-01-2025 02:49:22 am | 257 Views | 0 Comments
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Earthquake In Tibet: मंगलवार की सुबह, नेपाल और तिब्बत की सीमा के पास एक शक्तिशाली भूकंप ने धरती को हिलाकर रख दिया। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 7.1 मापी गई, जो कि एक बहुत ही उच्च स्तर की सुदूर प्राकृतिक आपदा को सूचित करता है। इस भूकंप के झटके बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली एनसीआर, बंगाल समेत भारत के कई राज्यों में महसूस किए गए हैं। वहीं, चीन प्रशासित तिब्बत में तबाही की खबरें सामने आई हैं, जिससे क्षेत्र में गंभीर नुकसान और घातक परिणामों का खतरा बढ़ गया है।
चीन में हुई तबाही, 9 की मौत
चीन की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक, भूकंप के कारण तिब्बत क्षेत्र में कम से कम 9 लोगों की मौत हो गई है। सरकारी मीडिया सीसीटीवी ने चीन के आपात प्रबंधन मंत्रालय के हवाले से यह आंकड़ा साझा किया है। हालांकि, स्थिति और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, तिब्बत के कुछ गांवों में मकान और घर ढह गए हैं, जिससे कई लोग मलबे में दब गए हैं। भूकंप का केंद्र नेपाल और तिब्बत की हिमालयी सीमा के पास सुदूर तिब्बती पठार में था, जो एक बेहद ऊंचे पर्वतीय इलाके में स्थित है।
नेपाल में स्थिति
नेपाल की भूकंप निगरानी एजेंसी ने बताया कि मंगलवार सुबह 6:50 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र चीन के डिंगी क्षेत्र में था। नेपाल की राजधानी काठमांडू में लोग भूकंप के झटकों के बाद घबराकर अपने घरों से बाहर निकल आए। हालांकि, नेपाल से फिलहाल किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं आई है। स्थानीय प्रशासन ने स्थिति पर नजर बनाए रखते हुए राहत कार्य शुरू कर दिए हैं।
भूकंप का केंद्र और गहराई
अमेरिकी भूगर्भ सर्वेक्षण (USGS) ने भूकंप के केंद्र को पर्वतीय क्षेत्र में लगभग 10 किलोमीटर की गहराई में बताया है। भूकंप की तीव्रता 7.1 मापी गई है। हालांकि, चीन की भूकंप निगरानी एजेंसी ने इसे 6.8 तीव्रता के रूप में दर्ज किया है। भूकंप के केंद्र के आसपास का क्षेत्र औसतन 4,200 मीटर (13,800 फुट) की ऊंचाई पर स्थित है, जो कि एक पहाड़ी और कठिन इलाके के रूप में पहचाना जाता है।
यह घटना न केवल नेपाल और तिब्बत के लिए एक गंभीर प्राकृतिक संकट है, बल्कि यह उन क्षेत्रों की भूकंपीय स्थिति की भी याद दिलाती है, जहां तीव्र भूकंप कभी भी आ सकते हैं। स्थानीय प्रशासन और राहत कार्यकर्ताओं के लिए यह समय हर सेकंड कीमती है, और जरूरतमंदों तक सहायता पहुंचाना उनकी प्राथमिकता बन चुका है।