J&K: पहलगाम हमले के बाद कश्मीर में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान, कठुआ में दिखे चार संदिग्ध

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में शुक्रवार को एक महिला के दावे ने सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट मोड में डाल दिया. महिला ने दावा किया कि उसने पहलगाम हमले में शामिल चार संदिग्ध आतंकियों को देखा है. यह वही हमला है जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान गई थी, जिनमें से ज्यादातर पर्यटक थे. जैसे ही यह जानकारी सामने आई, पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) ने मौके पर पहुंचकर बड़ा सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया. पूरे इलाके की कॉम्बिंग की जा रही है, ताकि किसी भी संभावित आतंकी को पकड़ा जा सके.
"मेरा भाई मुजाहिदीन है..." पहलगाम आतंकी हमले में शामिल आतंकवादी की बहन बोली- हमें कुछ नहीं पता.
पुलवामा और बारामुला में भी जारी हैं सर्च ऑपरेशन
इस बीच, पुलवामा और बारामुला में भी सुरक्षा बलों द्वारा सघन तलाशी अभियान चलाया जा रहा है. खासतौर पर बारामुला के पट्टन इलाके में, JKNF (जम्मू-कश्मीर नेशनल फ्रंट) जैसे प्रतिबंधित संगठन की गतिविधियों को लेकर जांच तेज की गई है.
गुलाम मोहम्मद गनई नामक व्यक्ति के घर की तलाशी ली गई, जिसमें कई आपत्तिजनक दस्तावेज और सबूत मिले हैं जो आतंकी नेटवर्क से जुड़े हो सकते हैं. इन सबूतों को जब्त कर जांच आगे बढ़ाई जा रही है.
बेसारन में सबसे बड़ा हमला, TRF ने ली जिम्मेदारी
22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम के बेसारन घास के मैदान में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को हिला दिया था. इस हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी. TRF (The Resistance Front) नामक संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है, जो लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा हुआ है और पाकिस्तानी आतंकी हाफिज सईद का समर्थन प्राप्त करता है.
भारत-पाक रिश्तों में फिर तल्खी
हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच राजनयिक संबंधों में भारी गिरावट आई है. दोनों देशों ने अपने-अपने उच्चायोगों से अधिकारियों को वापस बुलाया है, अटारी-वाघा बॉर्डर बंद कर दिया गया है और वीजा रद्द कर दिए गए हैं. भारत ने 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित कर पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया. जवाब में पाकिस्तान ने 1972 की शिमला समझौता को सस्पेंड कर दिया है, जो 1971 युद्ध के बाद शांति बहाली के लिए किया गया था.