श्रीनगर से लेकर भुज तक… पाकिस्‍तान ने भारतीय सैन्य ठिकानों पर की हमले की कोशिश, भारत ने नाकाम किए मंसूबे

By Tatkaal Khabar / 08-05-2025 01:01:38 am | 449 Views | 0 Comments
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भारत-पाकिस्तान सीमा पर हालात उस समय बेहद तनावपूर्ण हो गए जब 7-8 मई 2025 की रात को पाकिस्तान ने उत्तरी और पश्चिमी भारत के कई सैन्य ठिकानों को निशाना बनाते हुए ड्रोन और मिसाइल हमले किए. इस हमले में अवंतीपुरा, श्रीनगर, जम्मू, पठानकोट, अमृतसर, कपूरथला, जालंधर, लुधियाना, आदमपुर, बठिंडा, चंडीगढ़, नल, फलौदी, उत्तरलाई और भुज जैसे सामरिक रूप से अहम क्षेत्रों को निशाना बनाने की कोशिश की गई.

हालांकि, भारतीय सेना की सतर्कता,अत्याधुनिक यूएएस ग्रिड और एयर डिफेंस सिस्टम की मदद से इन सभी हमलों को समय रहते बेअसर कर दिया गया. इस हमले के मलबे अब कई जगहों से बरामद किए जा रहे हैं, जो पाकिस्तानी हमले की पुष्टि करते हैं.

भारतीय वायुसेना का करारा पलटवार
भारत ने इस हमले का उसी अंदाज और तीव्रता में जवाब दिया. आज सुबह भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के भीतर कई एयर डिफेंस रडार और सिस्टम्स को सफलतापूर्वक निशाना बनाया. सूत्रों के मुताबिक, लाहौर में स्थित एक प्रमुख एयर डिफेंस सिस्टम को पूरी तरह निष्क्रिय कर दिया गया है. भारतीय सैन्य अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि भारत का उद्देश्य युद्ध भड़काना नहीं है, बल्कि देश की संप्रभुता की रक्षा करना और हमलों का सटीक जवाब देना है.

भारतीय सेना का आधिकारिक बयान
भारत ने पहले ही अंतरराष्ट्रीय मंचों पर ये स्पष्ट किया था कि उसने पाकिस्तान के किसी सैन्य मुख्यालय को निशाना नहीं बनाया है और उसका मकसद तनाव को बढ़ाना नहीं, बल्कि अपने देश की सुरक्षा करना है. भारत का ये जवाब उसी क्षेत्र में, उसी समय और उतनी ही तीव्रता के साथ दिया गया है जिससे ये संदेश स्पष्ट हो गया है कि भारत अपनी रक्षा में कोई कसर नहीं छोड़ेगा.

सीमा पर लगातार गोलाबारी, 16 नागरिकों की मौत
इसी बीच, पाकिस्तान ने Loc पर भी गोलाबारी तेज कर दी है. कुपवाड़ा, बारामुला, पुंछ, मेंढर और राजौरी जैसे क्षेत्रों में मोर्टार और हैवी आर्टिलरी से भीषण फायरिंग की गई. इस नापाक हमले में अब तक 16 निर्दोष भारतीय नागरिकों की जान जा चुकी है, जिनमें 3 महिलाएं और 5 बच्चे शामिल हैं. भारतीय सेना ने इन हमलों का करारा जवाब दिया है और सीमा पर जवाबी कार्रवाई लगातार जारी है.

भारत का सख्त संदेश
भारतीय सेना का कहना है कि देश युद्ध नहीं चाहता, लेकिन अगर हमारे सैन्य प्रतिष्ठानों या नागरिकों को नुकसान पहुंचाया गया तो भारत जवाब देने में हिचकेगा नहीं. Loc पर की जा रही जवाबी कार्रवाई इस नीति का स्पष्ट प्रमाण है.