अरावली की पहाड़ियों में सुन्दर जगहअलवर: जहां पांडवों ने किया था वनवास

राजस्थान के अरावली पहाड़ों की हरी-भरी गोद में बसा अलवर सिर्फ एक ऐतिहासिक शहर नहीं, बल्कि संस्कृति, रहस्य और रोमांच का जीवंत संगम है। यह वही धरती है जहां महाभारतकालीन पांडवों ने अपने 13 वर्षों के वनवास का अंतिम वर्ष बिताया था। प्राचीन महलों, डरावनी कहानियों से घिरे किलों और वन्यजीवों से समृद्ध जंगलों के साथ यह शहर हर उस यात्री के लिए स्वर्ग है जो इतिहास, एडवेंचर और अध्यात्म में रुचि रखता है।
राजस्थान का प्रसिद्ध शहर अलवर लोगों को अपनी सुंदरता से आकर्षित करने वाला है, यह राजस्थान के सबसे पुराने शहरों में से एक है इसके अलावा यह शहर 1500 ईसा पूर्व के आसपास बना था। अलवर कोई मामूली शहर नहीं हैं यह महाभारत के पांडवों से जुड़ा हुआ है, यदि आप सोच रहे हैं की कैसे? तो हम आपको बता दें कि, अलवर में ही महाभारत के शक्तिशाली पांडवों ने अपने 13 साल के निर्वासन के आखिरी साल गुजारे थे। राजस्थान का अलवर अरावली पर्वतमाला की हरी-भरी पहाड़ियों के बीच में बसा हुआ है। यहां जानें पर आप देखेंगे कि, यहाँ कितने सारे खूबसूरत किले और महल बने हुए हैं जो दिखने में खूबसूरत होने के साथ ही कई रहस्यों से घिरे हुए हैं।

सिलीसेढ़ झील और पैलेस: प्रकृति की गोद में शांति
अगर आप भीड़ से दूर सुकून के कुछ पल चाहते हैं तो सिलीसेढ़ झील आदर्श जगह है। 19वीं शताब्दी में बने इस पैलेस के आसपास की कृत्रिम झील एक शांत वातावरण प्रदान करती है, जहां बोटिंग और फिशिंग जैसी गतिविधियाँ भी उपलब्ध हैं।

भानगढ़ का किला: डर और जिज्ञासा का संगम
अलवर में मौजूद भानगढ़ का किला बहुत फेमस जगहों में से एक है। यदि आप ऐसी जगहों पर जाने के शौकीन हैं जो भूतिया होने के लिए जानी जाती है तब आपको यहाँ जरूर जाना चाहिए। यह जगह रोमांचक होने के साथ-साथ ऐतहासिक भी है। भानगढ़ का किला सरिस्का टाइगर रिजर्व के किनारे पर बना हुआ है। भानगढ़ किला भारत में टॉप हॉन्टेड जगहों में माना जाता है। यह भूतिया किला अपने कई भूतिया किस्सों की वजह से जाना जाता है। इसके ढेरों किस्से इंटरनेट पर मौजूद हैं जिन्हें जानकर लोग दिन में भी यहां अंदर जाने से डरते हैं। इस भूतिया किले पर ASI ने भी रात के समय जाने पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। यहां रात में जाने फाइन और सजा हो सकती है। आप दिन में इस किले में घूमकर आ सकते हैं। यह अपने इतिहास के लिए भी जाना जाता है।
बाला किला: अलवर का अभिमान
अलवर के केंद्र से 10 किलोमीटर दूर स्थित बाला किला, 1550 ई. में हसन खान मेवाती द्वारा बनवाया गया था। विशालता और स्थापत्य की दृष्टि से यह किला अद्वितीय है। इसमें 51 छोटे-बड़े टॉवर, 6 प्रमुख प्रवेशद्वार और 15 से अधिक मंदिर मौजूद हैं। जय पोल, सूरज पोल, कृष्ण पोल जैसे द्वार इस किले को ऐतिहासिक वैभव प्रदान करते हैं।
बाला किला: अलवर का अभिमान
अलवर के केंद्र से 10 किलोमीटर दूर स्थित बाला किला, 1550 ई. में हसन खान मेवाती द्वारा बनवाया गया था। विशालता और स्थापत्य की दृष्टि से यह किला अद्वितीय है। इसमें 51 छोटे-बड़े टॉवर, 6 प्रमुख प्रवेशद्वार और 15 से अधिक मंदिर मौजूद हैं। जय पोल, सूरज पोल, कृष्ण पोल जैसे द्वार इस किले को ऐतिहासिक वैभव प्रदान करते हैं।
सरिस्का टाइगर रिजर्व: रोमांच और वन्यजीवों का अड्डा
यदि अलवर में सबसे अच्छी जगहों पर घूमने की बात की जाये तो सरिस्का वन्यजीव अभयारण्य को इसमें शामिल किया जा सकता है। इसे सरिस्का टाइगर रिजर्व भी बोला जाता है। यह जगह अरावली पहाड़ियों की गोद में 850 वर्ग किलोमीटर तक फैली हुई है। इस जगह को वर्ष 1982 में भारत का राष्ट्रीय उद्यान भी बनाया जा चुका है। इस फेमस राष्ट्रीय उद्यान में कई तरह के वन्यजीव देखे जा सकते हैं, इसके अलावा यहां विशेष रूप से रॉयल बंगाल टाइगर, चार सींग वाले मृग, भारतीय तेंदुए और दुर्लभ भारतीय ईगल उल्लू देखने को मिलते हैं। यहां मौजूद नीलकंठ मंदिर बहुत ही आकर्षक है।
नीमराना किला: राजसी ठाठ में आधुनिक आराम
15वीं शताब्दी में निर्मित नीमराना किला आज एक शानदार विरासत होटल के रूप में जाना जाता है। यहां से आप अरावली की घाटियों का मनोरम दृश्य देख सकते हैं। ज़िप लाइनिंग, आयुर्वेदिक स्पा, स्विमिंग पूल और हेरिटेज स्टे जैसी सुविधाएं इसे सप्ताहांत के लिए परफेक्ट गंतव्य बनाती हैं।