दिल्ली HC का सिनेमाघरों में फास्ट फूड पर राज्य सरकार को नोटिस
09 अगस्त 2018
दिल्ली हाईकोर्ट ने उस जनहित याचिका पर आम आदमी पार्टी सरकार का रुख पूछा जिसमें सिनेमाघरों के अंदर खाने-पीने के सामान लेकर जाने में रोक के संबंध में दिशानिर्देश तय करने का अनुरोध किया गया है कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की पीठ ने दिल्ली सरकार पुलिस और सिनेमा ऑनर्स एंड एक्जिबिटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया को नोटिस जारी कर उनसे इस याचिका पर जवाब मांगा है दरअसल जब हम फिल्म देखने के लिए दिल्ली-एनसीआर में किसी मल्टीप्लेक्स थिएटर में पहुंचते हैं तो चेकिंग के दौरान अगर हमारे बैग में कोई पानी की बोतल या स्नैक्स होते हैं तो उसे बाहर रखवा दिया जाता है .
यदि आपको थिएटर के अंदर भूख लगती है, तो मजबूरन ज्यादा कीमत पर मल्टीप्लेक्स में ही मौजूद खाने के अलग-अलग आउटलेट से फास्ट फूड खरीदना पड़ता है.
दिल्ली हाईकोर्ट में सिनेमाघर मालिकों के इस निर्देश को चुनौती दी गई है. एडवोकेट एकता सिंह ने हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका लगाई है, जिसमें कहा गया कि हाल ही में वो जंगपुरा के एक थिएटर में मूवी देखने पहुंचीं, तो उन्हें पानी और सनैक्स साथ ले जाने से रोक दिया गया. एकता ने जब कहा कि ऐसा कोई कानून नहीं है, जो थिएटर के भीतर दर्शकों को अपना खाना या पानी ले जाने से रोक सके, लेकिन वहां मौजूद गार्ड और सिनेमाघर प्रशासन ने उनकी एक नहीं सुनी.
उनका कहना है कि सिनेमाघर मालिक उन डायबिटीज के शिकार व्यक्ति या प्रेग्नेंट महिला या फिर छोटे बच्चे के साथ आ रही महिला को मल्टीप्लेक्स से फास्ट फूड खरीदने के लिए बाध्य करते हैं, जो इनको नहीं खा सकते हैं या बच्चों को नहीं खिला सकते हैं.