जन्माष्टमी में मथुरा और वृन्दावन ही नहीं इन मंदिरों में भी है जन्माष्टमी की धूम

By Tatkaal Khabar / 01-09-2018 03:06:59 am | 15337 Views | 0 Comments
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भगवान कृष्ण के जन्म दिवस को हिंदू धर्म में जन्माष्टमी के पर्व के तौर पर मनाया जाता है। भगवान श्रीकृष्ण के भक्त इस बार जन्माष्टमी का उत्सव 2 सितंबर को मनाएंगे।कृष्ण जन्मोत्सव को लेकर ब्रज में तो जबरदस्त उत्साह है ही, साथ ही पूरे वृन्दावन को भी दुल्हन की तरह सजाया गया है। मथुरा और वृन्दावन में जन्माष्टमी के मौके पर भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं।
लेकिन इसके सहित भगवान श्रीकृष्ण के कई और ऐसे मंदिर हैं, जहां अभी से ही जन्माष्टमी की धूम है।
जन्माष्टमी के मौके पर वृन्‍दावन के मशहूर बांके बिहारी मंदिर की छटा देखते ही बनती है। जन्माष्टमी के दिन इस मंदिर में भक्‍तों का तांता लगा रहता है। बता दें कि बांके बिहारी को साक्षात राधा-कृष्‍ण का ही रूप माना जाता है।
द्वारकाधीश मंदिर द्वारका का मुख्य मंदिर है, जिसे जगत मंदिर (ब्रह्मांड मंदिर) भी कहा जाता है। कहा जाता है कि द्वारकाधीश मंदिर का मुख्य मंदिर लगभग 2500 वर्ष पुराना है। द्वारकाधीश मंदिर आम जनता के लिए सुबह 7 बजे से रात 9:30 बजे तक खुला रहता है।

भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का पर्याय रहा कृष्ण का मंदिर दिल्ली के पूर्व में स्थित है। सभी इसे इस्कॉन मंदिर के नाम से जानते हैं। इस मंदिर को अन्दर से और बाहर से पूरी तरह से पत्थरों से बनवाया गया है।

केरल के गुरुव्यार मंदिर को भगवान विष्णु का निवास स्थान भी कहा जाता है। इस मंदिर की गिनती भगवान श्रीकृष्ण के सबसे महत्वपूर्ण मंदिरों में होती है। इसे साउथ इंडिया का 'द्वारका मंदिर' भी कहा जाता है।